महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महाविकास आघाड़ी सरकार में मतभेद उभरकर सामने आने लगे हैं। कांग्रेस पार्टी ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को तीखे तेवर दिखाएं हैं। कांग्रेस ने यहां तक चुनौती दे दी है कि कांग्रेस परिणामों का सामना करने में पूरी तरह से सक्षम है।
कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने राकांपा पर यह कहते हुए हमला बोला है कि लिखित समझौता तोड़कर भाजपा के साथ सत्ता स्थापित करना क्या पीठ में खंजर घोंपना नहीं है। उन्होंने कहा कि भंडारा, गोंदिया जिला परिषद और पंचायत समिति चुनाव में राकांपा ने महाविकास आघाड़ी के लिखित समझौते को तोड़कर भाजपा के साथ सत्ता स्थापित की है। इसे पीठ में खंजर घोंपना नहीं है तो फिर और क्या कहेंगे? उन्होंने कहा कि मेरे बैकग्राउंड के बारे में पूरे देश और राज्य को पता है। मैं जो कुछ भी करता हूं, वह खुलेआम करता हूं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस देश में विचारों और विकास की लड़ाई लड़ रही है और हम इसके परिणाम को लेकर चिंता नहीं करते।
पटोले ने आगे कहा कि भंडारा, गोंदिया जिला परिषद चुनाव के नतीजों के बाद महाविकास आघाड़ी में शामिल तीनों दलों ने एक साथ आकर सत्ता स्थापित करने का फैसला किया था। तीनों पार्टियों की ओर से 30 जनवरी को एक पत्र भी जारी किया गया था। इस पत्र पर मेरे अलावा राकांपा के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल और शिवसेना के सुभाष देसाई ने हस्ताक्षर किए थे। गठबंधन के अनुसार मैं जयंत पाटिल और प्रफुल्ल पटेल के संपर्क में रहा और भंडारा और गोंदिया जिला परिषद और पंचायत समिति अध्यक्ष और अध्यक्ष चुनाव में गठबंधन पर चर्चा की। राकांपा ने हमें अंत तक अंधेरे में रखा और अंतिम समय में भाजपा के साथ जाकर पंचायत समिति और गोंदिया जिला परिषद में सत्ता स्थापित की।
पटोले ने कहा कि अगर राकांपा नेताओं ने पहले कहा होता कि वे भाजपा के साथ जाना चाहते हैं तो हमें कोई दिक्कत नहीं होती, लेकिन अफसोस उन्होंने हमें अंधेरे में रखकर भाजपा से हाथ मिला लिया। कांग्रेस की भूमिका ईमानदार से दोस्ती करना और उसे निभाए रखने की रही है। हमलोगों ने हमेशा से गठबंधन धर्म का पालन किया है। हम हमेशा आगे से लड़ते हैं और पीछे से वार नहीं करते हैं। मैं पार्टी नेताओं को बताऊंगा कि पिछले ढाई साल में राकांपा ने हमारे साथ कैसा व्यवहार किया है। इस दगाबाजी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कांग्रेस कभी सत्ता के लिए इस तरह का खेल नहीं खेलती है।
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