पीलीभीत में डीएम ने गोमती नदी के उद्गम स्थल से वहां की सफाई का काम शुरू करवाया है। ये नदी इस समय अतिक्रमण और गाद की चपेट में है, जिसे पुनर्जीवित करने का काम जल शक्ति मंत्रालय के जरिये शुरू किया गया है। गोमती नदी का उद्गम स्थल माधोटांडा पूरनपुर मार्ग पर माना जाता है, यहां से निकलने वाली ये नदी 47 किमी का सफर जिले में तय करके आगे जाती है। इस दूरी में नदी में अतिक्रमण हो गया है और गाद भर गई है।
डीएम पुलकित खरे ने इस नदी को पुनर्जीवित करने का संकल्प लिया और और इस अभियान में उन्होंने पहला फावड़ा चलाकर सेवा कार्य की शुरुआत भी कर दी। डीएम खरे ने बताया कि गोमती को पुराने स्वरूप में लाने के लिए मनरेगा के जरिये श्रम करवाकर गहरा किया जा रहा है। अतिक्रमण को हटाया जा रहा है। नदी स्रोत के आगे बनी झील को फिर से खूबसूरत बनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि गोमती का साफ पानी बहता हुआ लखनऊ पहुंचेगा ऐसा प्रयास हम कर रहे हैं। पीलीभीत में गोमती किनारे 16 ग्राम सभाएं हैं, यहां नदी किनारे बांस के पेड़ लगाए जाएंगे।
डीएम खरे ने कहा कि सीडीओ प्रशांत कुमार और बीडीओ सर्वेश कुमार को नदी को साफ करवाने के लिए हर हफ्ते समीक्षा करने को कहा गया है। गोमती झील को साफ कर उसके किनारे आजादी का अमृत महोत्सव आयोजित करने की योजना है। उन्होंने कहा जल शक्ति अभियान के तहत जिले में लुप्त हो गए तालाबों, पोखरों को भी अतिक्रमण से मुक्त करने का काम तेज किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि ज्येष्ठ दशहरे के दिन गोमती उद्गम स्थल पर लगने वाले मेले को भी भव्य रूप दिया जाएगा।
टिप्पणियाँ