मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वर्ष 2021-22 में उत्तर प्रदेश के निर्यात में 30 प्रतिशत की वृद्धि के लिए राज्य के उद्यमियों एवं निर्यातकों सहित प्रदेश की जनता को हार्दिक बधाई दी है। उन्होंने कहा कि गत वित्तीय वर्ष में राज्य से होने वाले निर्यात में 35 हजार करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है। इससे प्रदेश से होने वाला कुल निर्यात बढ़कर 1.56 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
वर्ष 2017 में प्रदेश का कुल निर्यात लगभग 88 हजार करोड़ रुपये का था। इस प्रकार विगत पांच वर्षाें में राज्य से निर्यात में लगभग दोगुनी बढ़ोतरी हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य विकास और समृद्धि के पथ पर तेजी से अग्रसर है। डबल इंजन की सरकार में प्रदेश देश का ग्रोथ इंजन बनकर उभरा है। राज्य में उद्यमियों, निवेशकों, निर्यातकों को प्रोत्साहित करने के लिए अनेक कदम उठाए गये हैं। विभिन्न क्षेत्रों में निवेश आकर्षित करने के लिए क्षेत्र-विशिष्ट नीतियां लागू की गयी हैं। उद्यमियों, निवेशकों, निर्यातकों की सुविधा के लिए सिंगल विण्डो पोर्टल ‘निवेश मित्र’ संचालित किया जा रहा है। प्रदेश दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। प्रदेश सरकार के प्रयासों से ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की रैंकिंग में राज्य का दूसरा स्थान है। अब टीम यूपी प्रथम स्थान के लिए प्रयासरत है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत कुछ वर्षाें में उत्तर प्रदेश ने औद्योगिक विकास के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। राज्य को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए नियोजित प्रयास किये जा रहे हैं। इसके फलस्वरूप कोरोना संक्रमण की चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी प्रदेश ने निर्यात के क्षेत्र में यह उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। प्रधानमंत्री के ‘वोकल फॉर लोकल’ मंत्र के अनुरूप प्रदेश सरकार की ‘एक जनपद एक उत्पाद योजना’ द्वारा राज्य में ऐसा वातावरण सृजित हुआ है, जिससे न केवल यहां के परम्परागत उत्पादों को प्रोत्साहन मिला, बल्कि इनके निर्यात से इन उत्पादों को वैश्विक पटल पर नई पहचान मिली है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि निर्यात प्रोत्साहन के लिए राज्य में ‘उत्तर प्रदेश निर्यात नीति 2020-25’ लागू की गयी है। प्रदेश के प्रत्येक जिले को जिला निर्यात केन्द्र के रूप में विकसित करने के लिए सभी जिलों में जिला निर्यात योजनाएं तैयार की जा रही हैं। समस्त जिलों में जिला स्तरीय निर्यात प्रोत्साहन समितियों के माध्यम से निर्यातकों की समस्याओं का निराकरण किया जा रहा है।
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