श्रीलंका में लगातार जारी आर्थिक व राजनीतिक संकट के बीच आखिर श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने इस्तीफा दे दिया है। प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों को उनके समर्थकों का गुस्सा झेलना पड़ा है। महिंदा राजपक्षे के समर्थकों के हमले में 16 प्रदर्शनकारी घायल हो गए हैं। हिंसा बढ़ने पर कर्फ्यू लगाना पड़ा है। सत्तारूढ़ दल के एक सांसद की मौत की खबर भी सामने आ रही है।
श्रीलंका में गंभीर आर्थिक संकट के लिए राजपक्षे परिवार को जिम्मेदार मानकर वहां विपक्ष ही नहीं सत्ता पक्ष के तमाम लोग भी प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के इस्तीफे की मांग कर रहे थे। महिंदा के इस्तीफे की मांग को लेकर देश में लगातार प्रदर्शन भी चल रहे थे। विपक्ष अंतरिम सरकार की मांग कर रहा था। अब इन मांगों के आगे झुकते हुए प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने इस्तीफा दे दिया है। इससे पहले प्रधानमंत्री राजपक्षे ने कहा कि वह जनता के लिए ‘कोई भी बलिदान’ देने को तैयार हैं। उनके इस कथन से इन अटकलों को बल मिल गया था कि राजपक्षे जल्द ही इस्तीफा दे देंगे।
अपनी ही पार्टी श्रीलंका पोदुजन पेरामुन (एसएलपीपी) के भीतर इस्तीफा देने के भारी दबाव से जूझ रहे 76 वर्षीय राजपक्षे अब तक इस्तीफा न देने का दबाव बनाने के लिए अपने समर्थकों को एकजुट कर रहे थे। बताया गया कि उनके छोटे भाई राष्ट्रपति गोतबाया रापजक्षे भी उनका इस्तीफा चाहते थे ताकि वह अंतरिम सरकार बनाकर मौजूदा आर्थिक संकट से निपटने का पथ प्रशस्त कर सकें।
उधर महिंदा राजपक्षे के समर्थकों का गुस्सा उनके इस्तीफे की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों पर टूट पड़ा। उन्होंने प्रदर्शनकारियों पर हमला कर दिया, जिसमें 16 लोग घायल हो गए हैं। घायलों को कोलंबो नेशनल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हिंसा न थमने पर टेंपल ट्रीज क्षेत्र में कर्फ्यू लगाना पड़ा है। पुलिस स्थितियां सामान्य करने की कोशिश में जुटी हुई है।
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