हिंदू पक्ष के लोगों ने ज्ञानवापी मस्जिद में जाकर वीडियो सर्वे जारी रखने की मांग अदालत से की। मां श्रृंगार गौरी की पूजा अर्चना से जुड़े इस मामले में पहले खबर आ रही थी की हिंदू पक्ष इस मामले को वापस ले रहा है, मगर केस दायर करने वाली पांचों महिलाओं ने यह साफ कर दिया कि वह केस लड़ती रहेंगी।
मस्जिद कमेटी ने अदालत द्वारा नियुक्त एडवोकेट कमिश्नर पर सवाल उठाया है। मस्जिद कमेटी की तरफ से कहा गया है कि, एडवोकेट कमिश्नर निष्पक्ष तरीके से काम नहीं कर रहे हैं, बल्कि एक पार्टी की तरह काम कर रहे हैं। मुस्लिम कमेटी के लोग उन्हें बदलने की मांग कर रहे हैं, क्योंकि कमिश्नर का पक्ष सुनने के बाद ही अदालत फैसला सुनाएगी।
‘सनातन वैदिक संस्था’ के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह बिसेन ने एक बयान दिया, जिसमें उन्होंने केस वापस लेने की खबर से इनकार किया है। बिसेन ने वाराणसी में कहा कि मीडिया ने उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया है और अफवाह फैलाई है।
प्रयागराज में ‘विश्व हिन्दू परिषद (VHP)’ की एक बैठक हुई, जिसमें संगठन के राष्ट्रीय प्रवक्ता विजय शंकर तिवारी ने कहा कि राम मंदिर के बाद ज्ञानवापी मामले पर विहिप की पूरी नजर है। उन्होंने कहा कि पूरे घटनाक्रम का सूक्ष्म अवलोकन किया जा रहा है। हालाँकि, उन्होंने उम्मीद जताई कि इसका हल ही अयोध्या की तरह ही संवैधानिक और लोकतांत्रिक तरीके से निकलेगा। उन्होंने कहा कि ‘ज्ञानवापी’ नाम ही सनातन परंपरा का द्योतक है और विवादित ढाँचे की दीवारों पर हिन्दू प्रतीक चिह्न हैं।
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अम्बुज भारद्वाज पाञ्चजन्य में सोशल मीडिया कॉर्डिनेटर के रूप में कार्यरत हैं। अम्बुज कई मुद्दों पर पाञ्चजन्य के लिए ग्राउंड रिपोर्टिंग भी कर चुके हैं। राजनीति और अंतरराष्ट्रीय संबंध और इनवेस्टिगेटिव जर्नलिज्म विशेष रुचि के क्षेत्र हैं। उनके कई ग्राउंड रिपोर्टिंग और फेक न्यूज़ को उजागर करने वाली रिपोर्ट्स को देशभर में सराहा गया।
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