पंजाब में सांभा जेल में सजा काट रहा जेल तोड़ने का आरोपी कोर्ट में झूठा पैरोल का बहाना देकर उधमसिंहनगर के बाजपुर पहुंचा, जब पोल पट्टी खुली तो पंजाब पुलिस तुरंत ही उसे वापस ले गई।
2016 से पंजाब जेल में बन्द, बाजपुर के गांव घसोरा निवासी असीम अहमद के घर आने की चर्चा सुर्खियां बन गई। असीम ने सांभा के कोर्ट में अर्जी लगायी थी कि गांव में उसकी बहन की शादी है, लिहाजा उसे पैरोल पर कुछ दिन की रिहाई दी जाए। कोर्ट ने उसे पांच दिन की पैरोल दे दी। साथ ही उसको कड़ी सुरक्षा में बाजपुर जाने व लाने के आदेश पंजाब पुलिस को दिया।
पंजाब पुलिस जब उसे लेकर यहां पहुंची तो उसकी बहन की शादी वाली बात झूठी निकली। पंजाब पुलिस ने तुरंत ही बाजपुर पुलिस के यहां इस बात की सूचना दर्ज कर असीम को वापस पंजाब ले गई। जानकारी के मुताबिक असीम के अचानक फोर्स की कस्टडी में आने से उसके घर वाले और आस पड़ोस के लोग भी हैरान थे और उसे इस झूठ के लिए भी कोसते देखे गए। सूत्रों के मुताबिक उसके इस झूठे बहाने से कोर्ट उसे और भी दंड दे सकती है।
2016 में सांभा जेल को तोड़कर खालिस्तान लिबरेशन फोर्स के सरगना हरमिंदर सिंह बिटटू और छह अन्य फरार हो गए थे। पुलिस ने इस मामले में 26 लोगों को आरोपी बनाया था, जिसमें असीम अहमद भी शामिल था। उधमसिंहनगर के एसपी चंद्रमोहन सिंह के मुताबिक असीम को पंजाब पुलिस वापस ले गई है और इसकी सारी जानकारी बाजपुर पुलिस थाने में भी दर्ज कर ली गई है।
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