सहारनपुर के देवबंद में पिछले दिनों पकड़े गए बांग्लादेशी नागरिक से पूछताछ के बाद यूपी पुलिस ने बांग्लादेशी और रोहिंग्यों की पहचान का काम तेज किया है। एडीजी (कानून व्यवस्था) ने इस बारे में दिशा निर्देश जारी किये हैं।
यूपी एटीएस ने पिछले दिनों देवबंद के मदरसे से तलहा तालुकदार बिन फारुखी को पकड़ा था। फारुखी पिछले 7 सालों से यहां फर्जी दस्तावेजों के आधार पर रह रहा था और बांग्लादेश के जिहादी अब्दुल्ला के साथ टेलीग्राम के जरिये आपत्तिजनक साहित्य को साझा करता था। उसके पास से बांग्लाभाषा के चार रजिस्टर भी बरामद हुए थे।
एटीएस ने फारुखी से पूछताछ के बाद बांग्लादेशी और म्यांमार से अवैध घुसपैठ करने वालों के खिलाफ अपना अभियान तेज किया है। एडीजी प्रशांत कुमार ने बताया कि राज्य में ऐसे संदिग्ध लोगों की पहचान का काम तेज किया गया है। बांग्लादेशी और रोहिंग्यों के यहां आने की सूचना पर हम सजग हैं।
उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड सरकार ने भी अपने यहां बांग्लादेशी और रोहिंग्यों की तलाश में सत्यापन अभियान चलाया हुआ है। ये बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुस्लिमों की भाषा, पहनावा और खानपान अलग है और ये फर्जी नामों से रहते हैं, इनके ज्यादातर नाम हिन्दू होते हैं।
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