योगी सरकार ओडीओपी (एक जिला एक उत्पाद) के उत्पादों को बिक्री को अगले पांच वर्षों में दोगुना करेगी। 1.5 लाख पारम्परिक कामगारों को प्रशिक्षित किया जाएगा और उन्हें टूलकिट दिया जाएगा। साथ ही कारोबार के लिए ऋण भी उपलब्ध कराया जाएगा।
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने शनिवार को बताया कि योगी सरकार लोगों को रोजगार से जोड़ने के लिए सतत प्रयत्नशील है। सरकार का लक्ष्य है कि अगले पांच वर्षों में प्रत्येक परिवार से कम से कम एक व्यक्ति को रोजगार उपलब्ध कराया जाए। ओडीओपी योजना को मिशन मोड पर चलाने के लिए सरकार ने निर्देश दिए हैं। सरकार का लक्ष्य है कि अगले दो वर्ष में ओडीओपी योजना के तहत 19 सामान्य सुविधा केंद्र को शुरू किया जाएगा और 15 सामान्य सुविधा केंद्रों का शिलान्यास किया जाएगा। साथ ही पांच सामान्य सुविधा केंद्रों का जल्द उद्घाटन किया जाएगा।
उप्र में ओडीओपी योजाना की शुभारंभ वर्ष 2018 में हुआ। इसका मुख्य उद्देश्य प्रदेश के पारंपरिक उत्पादों की पहचान, उत्पादों की बिक्री को बढ़ावा देना और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है। साथ ही कुशल कामगारों के पलायन को भी रोकना है। इसके लिए सरकार ओडीओपी उत्पादों के उत्पादन से बिक्री तक आसान बना रही है।
प्रवक्ता ने बताया कि योगी सरकार ओडीओपी योजना के तहत वित्त, विपणन, प्रौद्योगिकी, डिजाइन, पैकेजिंग आदि चुनौतियों के समाधान के लिए विभिन्न संगठनों व संस्थानों के साथ मिलकर काम कर रही है। सभी ई-कामर्स प्लेटफार्मों पर ओडीओपी उत्पादों की बिक्री की जा रही है। इसके तहत फ्लिपकार्ट पर 1000 करोड़ से अधिक के ओडीओपी उत्पाद की बिक्री हो चुकी है। पिछले पांच वर्षों में प्रदेश सरकार ओडीओपी वित्त पोषण योजना के तहत 1088 करोड़ रुपये व्यय कर चुकी है और 1,09,334 रोजगार का सृजन हुआ है।
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