मुस्लिम महिला से शादी को लेकर 25 वर्षीय बी नागराजू की बुधवार रात हैदराबाद में हत्या कर दी गई थी। घटना सरूरनगर की है, जहां नागराजू को उसके ही साले ने बीच सड़क पर रॉड और चाकू मारकर हत्या कर दी थी। गिरफ्तार दो आरोपियों को शुक्रवार को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया वहीं अब प्रदेश के राज्यपाल डॉ. तमिलिसाई सौंदरराजन ने इस हत्याकांड में राज्य सरकार से रिपोर्ट तलब की है।
राज्यपाल सौंदरराजन ने सरूर नगर में एक हिन्दू युवक की उसकी मुस्लिम पत्नी के रिश्तेदारों द्वारा कथित तौर पर हत्या करने पर राज्य सरकार से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। राजभवन से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि राज्यपाल ने सरूरनगर में बीती 4 मई की रात को बी. नागराजू की हत्या पर विभिन्न मीडिया रिपोर्ट के माध्यम से जानकारी प्राप्त की। कथित तौर पर नागराजू की अंतरधार्मिक विवाह के कारण हत्या कर दी गई थी। उन्होंने सरकार से इस हत्या की विस्तृत रिपोर्ट तलब की है।
गौरतलब है कि 25 वर्षीय बी. नागराजू की कथित रूप से उसकी मुस्लिम पत्नी के भाई और एक अन्य व्यक्ति ने हत्या कर दी थी। पुलिस ने बताया कि हिन्दू युवक ने मुस्लिम युवती आशरीन सुलताना के साथ लंबे प्रेम प्रसंग के बाद आर्य समाज के मंदिर में बीते साल 30 दिसंबर 2021 को शादी की थी। शादी के बाद आशरीन ने अपना नाम पल्लवी रखा और धर्म परिवर्तन भी किया था। इस मामले में पुलिस ने सैयद मोबीन अहमद और मसूद को गिरफ्तार किया है। इसे हत्याकांड को ऑनरकिलिंग के रूप में देखा जा रहा है।
पुलिस की प्राथमिक जांच में पाया कि सैयद मोबीन अहमद अपनी बहन के नागराजू के साथ संबंधों के खिलाफ था। उसने इसके लिए उन्हें चेतावनी भी दी थी। इसके बावजूद दोनों ने विवाह कर लिया। इसके बाद मामला बिगड़ता गया और आरोपितों को योजनाबद्ध तरीके से नागराजू की हत्या कर दी। मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव से तनातनी के बीच राज्यपाल तमिलिसाई सौंदरराजन ने इस मामले पर रिपोर्ट तलब कर ली है।
तेलंगाना के भाजपा नेता पहले से ही हैं इस मुद्दे पर आक्रामक
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि हैदराबाद में झूठी शान के लिए हुई हत्या टुकड़े-टुकड़े गैंग के मुंह पर तमाचा है। उन्होंने आरोप लगाया कि टुकड़े-टुकड़े गैंग ने एक दलित के बेटे की हत्या पर चुप्पी साध रखी है। उसका गुनाह सिर्फ मुस्लिम लड़की से प्यार करना था। लेकिन अगर इसका उल्टा हो जाता, तो गैंग अपराधियों के पीछे पड़ जाता।
ओवैसी का नहीं आया कोई बयान
सांसद असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ सोशल मीडिया पर जहां लोग सवाल उठा रहे हैं वहीं विपक्ष ने भी ओवैसी से जवाब मांगा है। ओवैसी सामान्यतः हर एक मॉब लिंचिंग केस ट्विटर, वीडियो संदेश या अन्य माध्यमों से अपने बयान जारी करते रहे हैं। देश में तमाम मुद्दों को लेकर ओवैसी मुखर होते हैं, लेकिन इस मुद्दे पर उन खामोशी पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
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