फरार चल रहे आईपीएस मणिलाल पाटीदार को विजिलेंस की जांच में भी दोषी पाया गया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर वर्ष 2020 में विजिलेंस जांच शुरू की गई थी. विजिलेंस, मणिलाल पाटीदार की चल–अचल संपत्तियों की जांच कर रही थी. जांच में यह पाया गया है कि पाटीदार ने अवैध ढंग धन अर्जित किया. उसके बाद संपत्ति खरीदी.
विजिलेंस ने जांच पूरी होने के बाद पाटीदार के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की अनुमति मांगी थी. शासन ने एफआईआर दर्ज करने के अनुमति प्रदान कर दी है.. पाटीदार के खिलाफ एक एफआईआर पहले से दर्ज है जिसमे वे फरार चल रहे हैं.
जांच में यह पाया गया कि मणिलाल पाटीदार, महोबा जनपद में दरोगा की तैनाती में धन उगाही कर रहे थे. महीने की वसूली को लेकर मणिलाल पाटीदार ने थाने प्रभारियों को कई बार हटाया और तैनात किया. थाना प्रभारियों की तैनाती में डीजीपी मुख्यालय के निर्देशों का भी पालन नहीं किया गया.
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2020 में मणिलाल पाटीदार महोबा जनपद के पुलिस अधीक्षक थे. क्रेशर कारोबारी इन्द्रकांत त्रिपाठी की गोली लगने से मृत्यु हुई थी. गोली लगने से पूर्व इंद्रकांत त्रिपाठी का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमे त्रिपाठी ने आईपीएस मणिलाल पाटीदार पर 5 लाख रुपये घूस मांगने का आरोप लगाया था.
त्रिपाठी की मृत्यु के बाद मामला गरमा गया था. उसके बाद पाटीदार को निलंबित किया गया था. उसके बाद मणिलाल पाटीदार फरार हो गए. काफी समय बीत जाने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने मणिलाल पाटीदार पर दो लाख रुपये का इनाम घोषित किया.
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