प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) झारखंड की उद्योग सचिव और आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल के चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) सुमन कुमार और उसके भाई पवन से शनिवार को पूछताछ कर रही है। अबतक की पूछताछ में सुमन कुमार ने स्वीकार किया है कि छापेमारी में बरामद नकदी उसकी है। हालांकि, इतनी नगद राशि कहां से आई, इसका जवाब वह नहीं दे पा रहा है।
उसने यह भी स्वीकार किया है कि इस राशि की जानकारी इनकम टैक्स सहित किसी सरकारी एजेंसी को नहीं दी गई है। बताया गया है कि आईएएस पूजा सिंघल से पूछताछ के लिए ईडी समन भेज सकती है। ईडी को छापेमारी में पूजा सिंघल के खिलाफ कई सबूत हाथ लगे हैं। इसके साथ रांची स्थित ईडी कार्यालय में पूजा सिंघल के ठिकानों से जब्त किये गये कागजात की जांच भी शुरू कर दी गई है। पूरे मामले की जांच के लिए वित्त विभाग सहित कई दूसरे विभागों के अधिकारियों को भी लगाया गया है।
दूसरी ओर, पूजा सिंघल के पति अभिषेक झा के पल्स हॉस्पिटल में ईडी की छापेमारी दूसरे भी जारी है। शनिवार को भी ईडी की टीम पल्स हॉस्पिटल में दस्तावेज को खंगाल रही है।
उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को झारखंड की खान एवं उद्योग विभाग की सचिव पूजा सिंघल और उनके करीबियों के 23 ठिकानों पर ईडी की टीम ने एक साथ छापेमारी की थी। छापेमारी के दौरान पूजा सिंघल और उनके करीबियों के निवेश संबंधी कई दस्तावेज एजेंसी को मिले हैं। उनके सीए सुमन कुमार के बुटी मोड़ स्थित हनुमान नगर के आवास से 17.60 करोड़ और अन्य ठिकानों से 1.71 रुपये कुल 19.31 करोड़ बरामद किये गए थे।
ईडी ने यह कार्रवाई वर्ष 2010 में खूंटी जिले में प्रकाश में आए 18.06 करोड़ों रुपये के मनरेगा घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच के दौरान की है। वर्ष 2000 बैच की आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल वर्तमान में खान एवं उद्योग सचिव है। खूंटी में हुए मनरेगा घोटाले में तत्कालीन जूनियर इंजीनियर राम विनोद सिन्हा को अदालत से सजा हो चुकी है और सरकार ने उसे बर्खास्त कर दिया है। इंजीनियर ने तत्कालीन डीसी पूजा सिंघल की कार्यशैली पर सवाल उठाया था।
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