मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घोड़ाखाल (नैनीताल) में प्राचीन गोल्ज्यू मन्दिर में पूजा-अर्चना की। उन्होंने कहा कि गोल्ज्यू हमारे रक्षक देव हैं, इनके बिना कुछ नहीं। धामी ने पत्नी के साथ श्री गोल्ज्यू संदेश यात्रा के समापन कार्यक्रम में प्रतिभाग किया और गोल्ज्यू महाराज का आशीर्वाद लिया। उन्होंने प्रदेश की खुशहाली के लिए प्रार्थना की। इस मौके पर जिला पंचायत अध्यक्ष बेला तोलिया, विधायक भीमताल राम सिंह कैड़ा, सरिता आर्य,गोल्ज्यू मंदिर हीरानगर के संस्था अध्यक्ष गणेश मार्तोलिया, सचिव विजय भट्ट पूर्व पालिका अध्यक्ष मुकेश जोशी, नैनीताल यात्रा संयोजक नीरज जोशी आदि मौजूद रहे।
यात्रा का हुआ समापन
उत्तराखंड के कुमायूँ और गढ़वाल के कुछ क्षेत्रों में गोल्ज्यू देव का ही राज चलता है। गोल्ज्यू को पूज्य देव मानते हुए पिथौरागढ़ जिले के अंतिम गांव बोनागांव से गोल्ज्यू संदेश यात्रा का शुभारंभ 25 अप्रैल को हुआ था और आज घोड़ाखाल में इसका विधिवत समापन हुआ।
ये देव भूमि है, हमारे मन्दिर, हमारे देवालय, हमारे आश्रम, शक्तिपीठ आदि संरक्षित और सुरक्षित रहें। यहां श्रद्धालुओं का आना-जाना सुविधाजनक हो, हम तीर्थाटन से अपनी आर्थिकी को जोड़ सकते हैं।
यात्रा लगभग 2200 किलोमीटर का सफर तय कर यहां पहुंची और प्रत्येक पड़ाव में उत्तराखंड की संस्कृति संरक्षण व संवर्धन हेतु जन जागरण अभियान के साथ स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कैसे हो ? शिक्षा के क्षेत्र में कैसे सुधार हो? कृषि को कैसे बढ़ावा दिया जा सकता है? ऐसे कई विषयों पर पंचायत लगाकर राय भी ली जा रही है। पड़ाव में गोल्ज्यू मन्दिरों में जाकर परंपरागत तरीके से उनका पूजन भी हो रहा है और राज्य के समृद्ध विकास के लिए प्रार्थना की गई।
गोल्ज्यू संदेश यात्रा के संयोजक विजय भट्ट ने कहा कि हमें अपनी धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक परम्पराओं को स्मरण करते हुए उत्तराखंड के विकास के लिए आगे बढ़ना है। ये देव भूमि है, हमारे मन्दिर, हमारे देवालय, हमारे आश्रम, शक्तिपीठ आदि संरक्षित और सुरक्षित रहें। यहां श्रद्धालुओं का आना-जाना सुविधाजनक हो, हम तीर्थाटन से अपनी आर्थिकी को जोड़ सकते हैं।
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