यमकेश्वर क्षेत्र के पंचूर गांव में तड़के सुबह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने परिवार के बच्चों के साथ गांव की सैर करने निकल पड़े। मुख्यमंत्री योगी ने अपने भतीजे के मुंडन संस्कार में भी हिस्सा लिया।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सालो बाद घर के किसी सांस्कृतिक कार्यक्रम में हिस्सा लिया अपने भतीजे के मुंडन समारोह में वो परिवार के सदस्यों के साथ बैठे रहे और तनावमुक्त मुद्रा में हंसी मजाक करते रहे।
उन्होंने भाई बहन और उनके बच्चों को ये आभास बिल्कुल नही होने दिया कि वो किसी बड़े मठ के मुखिया है या किसी सूबे के मुख्यमंत्री है। कोई भी बच्चा उनके पास जाकर खड़ा हो जाता तो वो उससे बड़ी आत्मीयता से बात करते उसे गोद मे बिठा लेते। अपने परिवार के बीच वो इस तरह कई साल बाद बैठे।
योगी आदित्यनाथ को सुबह जल्दी उठने की आदत है वो सुबह नहा धोकर, पूजा पाठ कर अपने गुरु की प्रतिमा तक पहुंचे वहां जाकर उन्हें आदरभाव प्रकट करने के बाद पैदल ही पगडंडियों में सैर के लिए निकल पड़े थोड़ी ही देर में उनके परिवार के सदस्य भी उनके साथ आगये। बचपन की यादें संजोते और गांव वालों से बातचीत करते हुए अपने वास स्थल पर आगये।
अपने घर के पास ही योगी किसी पड़ोसी के यहां रुके है, सन्यास ग्रहण करने के बाद वो अपने घर नही रुक सकते ऐसी परंपरा है। योगी आदित्यनाथ को बार बार अपनी मां से स्थानीय गढ़वाली बोली में बात करते देखा गया। जब वो कल अपनी मां से मिले तो बेहद भावुक दिखे लेकिन आज वो उनसे पुरानी यादें ताज़ा करते हुए हंसते रहे।
मुंडन समारोह में दूर दराज से बहुत से रिश्तेदार भी आये थे बरसों बाद घर आये योगी बहुतों को पहचान भी नही पाए लेकिन उनकी बहन, भाभी और भाई उनका परिचय कराते रहे वो बड़ी ही आत्मीयता से उनसे मिलते रहे। मुख्यमंत्री योगी ये भी कहते रहे मैं सन्यासी हूँ मेरा जीवन लोगो की सेवा में लग गया है इस लिए कुछ छूट रहा हो तो क्षमा चाहता हूँ।
योगी आदित्यनाथ का कल हरिद्वार में कार्यकम है और इन कार्यक्रमों में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी उनके साथ शामिल रहेंगे।
अभेद्य सुरक्षा की व्यवस्था
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जब पंचूर पहुंचे तो गांव से बाहर ही मीडिया और अन्य लोगो को रोक दिया गया, उत्तराखंड पुलिस और एसपीजी ने केवल गांव के लोगो को ही वहां प्रवेश लेने दिया। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री व अन्य मंत्री भी उन्हें घर पर छोड़ने के बाद वापिस चले गए।
पंचूर गांव थोड़ा पहाड़ी पर है और वहां जाने के एक ही रास्ता है। सुरक्षा बलों ने गांव को चारों ओर से घेरा हुआ है और जहां वो रुके है उनके साथ यूपी पुलिस के कमांडो है ।
टिप्पणियाँ