9 अप्रैल 2022 की रात पाकिस्तान के इतिहास में बेहद महत्वपूर्ण थी। पहली बार पाकिस्तान संसद में विपक्षी दलों ने मिलकर सत्तारूढ़ पार्टी की सरकार को अविश्वास मत के माध्यम से गिरा दिया और इसमें वहां के लोकतांत्रिक संस्थानों ने एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। लेकिन, बात यहां खत्म नहीं हुई। इमरान खान यह बात भली-भांति जानते थे कि यदि वे आसानी से विपक्ष में बैठे तो अगले चुनाव में उनकी जीत की कोई संभावना नहीं है। इमरान खान को यह भी अच्छी तरह से मालूम था कि अब पाकिस्तानी फौज उनकी मदद के लिए नहीं आएगी।
खुल गई ट्विटर स्पेस की कलई
इस पृष्ठभूमि में इमरान खान ने अपनी सरकार के गिरने के पीछे अमेरिकी साजिश होने का चूर्ण जनता में बांटना शुरू किया। अपने इस बयान को जन समुदाय के बीच आगे बढ़ाने के लिए उन्होंने ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का भी इस्तेमाल किया। जब उन्होंने ट्विटर पर एक स्पेस में आम लोगों को संबोधित किया, उस स्पेस में एक लाख साठ हजार लोगों की मौजूदगी का दावा किया गया। यहां तक कि गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड का प्रमाण पत्र भी इसी स्पेस के दौरान दिखा दिया गया, जिसके मुताबिक यह विश्व रिकॉर्ड था। यह स्पेस आरंभ में चर्चा में तो बहुत रहा लेकिन 24 घंटे के अंदर ही इसकी कलई खुलने लग गई। विश्व रिकॉर्ड का प्रमाण पत्र झूठा साबित हो गया और यह भी बात सामने आई कि स्पेस में मौजूद लोगों की संख्या का अधिकतम भाग कृत्रिम रूप से तैयार किया गया था। वास्तव में उस स्पेस में आधे लोग भी नहीं थे।
नहीं जा सकेंगे सऊदी अरब
जैसा कि आप जानते हैं, यह रमजान का महीना था। इमरान खान ने ईद से पहले चांद रात के दिन अपने समर्थकों से पार्टी के झंडे लेकर बाहर निकलने की अपील की। उनकी अपेक्षा के विपरीत पाकिस्तान में थोड़े से लोग भी उनके समर्थन में बाहर नहीं आए। इससे एक दिन पहले प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ एक बड़े दल के साथ सऊदी अरब के दौरे पर जा चुके थे। उसी शाम शेख रशीद ने एक प्रेस वार्ता में कहा कि आप लोग कल देखेंगे कि प्रधानमंत्री और उनके दल के साथ मदीना में क्या होगा। इस सूचना के मिलते ही सऊदी अरब में प्रशासन ने शहबाज शरीफ के उमरे के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत कर दिया। इमरान खान की पार्टी पीटीआई के समर्थक इस बीच लंदन से सऊदी अरब पहुंच चुके हैं। अगले दिन जब शाहबाज शरीफ और उनका दल मदीना मुनव्वरा में मस्जिद नब्वी में थे, तो पीटीआई समर्थकों ने उनके खिलाफ चोर-चोर के नारे लगाए, यहां तक कि शहबाज कैबिनेट के एक मंत्री और बलूचिस्तान के संसद सदस्य शिजेन बुग्ती के बाल खींचने तक का प्रयास किया गया। तकरीबन एक सौ पचास लोगों को गिरफ्तार किया गया, उन पर जुर्माना लगाए जाने के अलावा 5 साल की जेल और उम्र भर सऊदी अरब ना आने की पाबंदी लगाई गई।
इमरान खान के नजदीकियों पर मुकदमे दर्ज
इसके बाद इमरान खान और उनके नजदीकी समझे जाने वाले शेख रशीद, फवाद चौधरी और शाहबाज गिल जैसे लोगों पर धारा 295 A के तहत मुकदमे दर्ज कर दिए गए। शेख रशीद का भतीजा जकि मदीना में इस घटना के दौरान मौजूद था, उसे इस्लामाबाद में उतरते ही गिरफ्तार कर लिया गया। शाहबाज गिल और फवाद चौधरी ने अदालत से अपने लिए छूट मांगी और उनको 6 मई और 10 मई तक क्रमश: गिरफ्तारी से छूट दे दी गई है, लेकिन इस बीच इमरान खान और शेख रशीद अपने घर छोड़ इस्लामाबाद स्थित खैबर पख्तूनख्वा हाउस मे जा बैठे हैं, ताकि अदालत से छूट मिलने तक गिरफ्तारी से बच सकें।
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तानी नागरिकों को सऊदी अरब में उमरा करते समय सुरक्षा प्रोटोकॉल से रियायत दी जाती है लेकिन इस घटना के बाद सऊदी अरब ने इस पर पुनर्विचार करने की बात कही है। सऊदी अरब का मानना है कि इससे बचने के लिए पाकिस्तान को अपने उन नागरिकों को, जो इस गुनाह में शामिल हैं और पाकिस्तान वापस आ चुके हैं, उन्हें पाकिस्तानी कानून के तहत सजा दी जाए।
बीएमडब्ल्यू कार ले गए इमरान
इस बीच इमरान खान द्वारा अपने कार्यकाल के दौरान प्रधानमंत्री के रूप में उन्हें दूसरे राष्ट्राध्यक्षों से मिलने वाले उपहारों को सस्ते दामों में खरीद कर विदेशों और पाकिस्तान में बेच खाने वाले मामले की तमाम बातें बाहर आने लगी हैं। सूचना और प्रसारण मंत्री मरियम औरंगजेब ने यह जानकारी दी है कि जाते समय इमरान खान एक बीएमडब्ल्यू कार भी अपने साथ ले गए हैं जिसकी उन्हें अनुमति नहीं थी। इस कार की बाजार में इस समय कीमत 15 करोड़ रुपए बताई जाती है। तोशाखाना से सस्ते दामों सिर्फ बेहद महंगे उपहार ही नहीं लिए गए बल्कि बीस हजार रुपए की कीमत वाले कफ लिंक तक पांच हज़ार रुपए देकर ले लिए गए हैं। इसके अलावा उनके कार्यकाल के दौरान किए गए तमाम घोटाले सामने आ रहे हैं जिनमें पंजाब में की जाने वाली प्रशासनिक तैनातियां हैं, जिनके लिए उनकी पत्नी बुशरा बेगम पर घूस लेने के आरोप हैं। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि बुशरा बेगम ने सारी उम्र कोई इनकम टैक्स नहीं दिया है और जुलाई 2021 में पहली बार पाकिस्तान के राजस्व विभाग में अपना नाम दिया है। दूसरी तरफ इमरान खान ने वर्ष 2018 से 2021 तक के अपने कर में इन उपहारों को भेजकर आने वाली रकम का जिक्र नहीं किया है, लेकिन वित्तीय वर्ष 2021-22 का कर समय पूर्व जमा कराया है जिसमें तोशाखाना के उपहारों के खरीदे जाने का जिक्र किया गया है।
फरहा की अहम भूमिका
तमाम घूसखोरी में बुशरा बेगम की मित्र फरहा खान उर्फ फरहा गोगी की महत्वपूर्ण भूमिका रही है और वह इमरान खान के सत्ता से हटने के साथ ही अपने परिवार के साथ पाकिस्तान छोड़कर दुबई जा चुकी हैं। इमरान खान के चारों तरफ कानूनी घेरा तंग हो रहा है और जल्दी ही उन्हें कानून की गिरफ्त में ले लिया जाएगा। इस घेरे में उनके मंत्रिमंडल के मंत्री भी शामिल है और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री उस्मान बुजदार भी। कहते हैं, पाकिस्तान की राजनीति में कोई भी दिन नीरस नहीं होता।
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