इस्लाम कहता है जिसने एक बार हज कर लिया, उसे फिर गलत कामों से तौबा कर लेना चाहिए, लेकिन पश्चिम उत्तर प्रदेश में कई ‘हाजी’ ऐसे हैं जिनके खिलाफ दर्जनों अपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। इनमें हत्या, डकैती, लूट, ज़मीन कब्जाने, चोरी करने जैसे संगीन मामले शामिल हैं।
जानकार कहते हैं कि मुस्लिम समुदाय में जब कोई हज करने जाता है तो वो अपना समस्त लेना-देना करके जाता है और जब हज से लौटकर आता है तो वो गलत कामों से दूर रहता है। उसका जीवन इस्लाम या कुरान शरीफ के बताए रास्ते पर चलता है। यही वजह है कि हज किए शख्स को समाज में सम्मान की दृष्टि से ‘हाजी साहब’ कह कर संबोधित किया जाता है, लेकिन पश्चिम उत्तर प्रदेश में कई ‘हाजी’ ऐसे हैं जो समाज में अब कथित रूप से बड़े अपराधियों के तौर पर पहचाने जा रहे हैं।
हाजी इकबाल
सहारनपुर के हाजी इकबाल जो बहुजन समाज पार्टी से जुड़े रहे और एमएलसी भी रहे। इस वक्त दर्जनों अपराधिक मुकदमे उनके नाम हैं। बेनामी सम्पत्तियों, अवैध खनन, आयकर और अन्य कर चोरी के मामलों के अलावा उनके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट जैसे गंभीर मामले दर्ज हैं। अरबो रुपए के सरकारी राजस्व को नुकसान पहुंचाने के भी आरोप इन पर और इनके परिवार पर पुलिस-प्रशासन ने तय किये हैं। जानकारी के अनुसार अभी हाजी इकबाल पर शुगर मिल्स के सौदों और अपने मजदूरों के नाम से करोड़ों की जमीन खरीदने का भी आरोप है। इनके शैक्षिक प्रमाण पत्रों में भी हेर-फेर के मामले सामने आए हैं। पिछले कई माह से इन पर गिरफ्तारी की तलवार लटकी हुई है।
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हाजी याकूब कुरैशी
मेरठ के हाजी याकूब कुरैशी भी बसपा सरकार में मंत्री रहे। इस वक्त भगोड़े करार दिए गए हैं। इन पर अवैध रूप से मांस की फैक्ट्री चलाने और उसे खाड़ी देशों में मांस की सप्लाई करने के साथ-साथ बिना अनुमति अपना अस्पताल चलाने जैसे गंभीर आरोप हैं। इनके खिलाफ और भी मामले दर्ज हैं। जिसकी वजह से ये भूमिगत हो चुके हैं। पुलिस इनकी तलाश में राजस्थान और दिल्ली सहित कई राज्यों में छापेमारी कर रही है।
हाजी इकराम कुरैशी
मुरादाबाद के विधायक हाजी इकराम कुरैशी पर भी धोखधड़ी के कई मामले दर्ज हैं। हाजी इकराम कुरैशी का लंबा अपराधिक इतिहास रहा है।
हाजी यूनुस
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय लोकदल के नेता हाजी यूनुस ने पिछले विधानसभा चुनाव में दिए अपने हलफनामे में अपने ऊपर चल रहे 23 मामलों का उल्लेख किया था। जिनमें हत्या, लूट जैसी गंभीर धाराओं के मामले भी शामिल हैं।
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मेरठ में पिछले छह महीनों में सोतीगंज के कबाड़ी बाजार में जिस शख्स ने सबसे ज्यादा चोरी की गाड़ियों को काटने और बेचने का काला धंधा किया, उसमें सबसे बड़ा नाम हाजी नईम गल्ला का लिया जाता रहा है। हाजी गल्ला की करोड़ों की अवैध सम्पत्तियों को पुलिस-प्रशासन ने जब्त किया है। एक वक्त था कि हाजी नईम गल्ला के रुतबे की वजह से कोई पुलिस अधिकारी उस पर हाथ नहीं लगाता था। आज हाजी गल्ला जेल में है और गैंगस्टर में निरुद्ध है।
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कबाड़ी हाजी इकबाल और हाजी तस्लीम
एक और कबाड़ी हाजी इकबाल को मेरठ वाहन चोर कबाड़ बाजार का माफिया माना जाता रहा है। पिछले छह महीनों से इसका काला धंधा योगी राज की पुलिस ने बन्द करवाया हुआ है। जेल में हाजी इकबाल इस समय गैंगस्टर एक्ट में निरुद्ध है। हाजी तस्लीम मेरठ में ड्रग तस्कर के रूप में 35 सालों से राज करता रहा। पिछले साल वो पुलिस की गिरफ्त में आया। हाजी तस्लीम का पूरा खानदान स्मैक तस्करी में लिप्त रहा था। सपा, बसपा शासन काल में पुलिस उस पर हाथ नहीं डाल पायी, लेकिन योगी सरकार की पुलिस से वो बच नहीं सका और इनदिनों जेल में सजा भुगत रहा है।
आजम खान
यूपी के हज मंत्री रहे आजम खान भी सरकार के खर्चे पर हज कर चुके हैं इसलिए अपने को ‘हाजी’ कहलाने में संकोच करते हैं। जानकार बताते हैं कि हज करने का तभी पुण्य मिलता है जब उसे अपनी मेहनत की कमायी से किया गया हो। आजम खान इस वक्त 100 से ज्यादा मामलों में सीतापुर में जेल में बन्द हैं।
दिलचस्प बात ये है कि ‘हाजी’ जितने भी अपराध की दुनिया में उभरे वो बसपा और सपा शासनकाल मे उभरे। ये शराफत का चोला ओढ़कर गलत कामों में लिप्त रहे और इन्हें न तो कानून का डर दिखता था और न ही ‘खुदा’ का।
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