विपिन सेमवाल/दिनेश मानसेरा
बाबा केदारनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली गुप्तकाशी विश्वनाथ मंदिर से होते हुए रात्रि प्रवास के लिए फाटा पहुंच गई। इस दौरान जगह-जगह तीर्थयात्रियों और स्थानीय श्रद्धालुओं द्वारा फूल अक्षत से बाबा की पंचमुखी डोली का स्वागत किया। इस दौरान ढोल दमाऊ, मसक, बीन और बाबा के जयकारों के बीच सबको आशीष देते हुए तेल कलश के साथ फाटा तक की यात्रा पूर्ण हुई।
बुधवार को बाबा की डोली गौरीकुंड पहुंचेगी। उसके बाद 5 मई को केदारनाथ धाम पहुंचेगी। 6 मई को परंपरा के अनुसार आम श्रद्धालुओं के लिए बाबा केदारनाथ के कपाट खोले जाएंगे। विश्वनाथ मंदिर में भजन कीर्तन मंडली द्वारा बाबा के भजन गाए गए। प्रातः मूर्तियों की पूजा-अर्चना कर विश्वनाथ मंदिर की परिक्रमा पूर्ण कर अपने अगले पड़ाव की ओर निकल पड़ी। इस दौरान सैकड़ों की तादाद में लोग मौजूद रहे।
कल यानि बुधवार को ये डोली प्रातः केदारनाथ के पास गौरी कुंड के लिए परम्परागत रीति-रिवाज के साथ रवाना होगी और शाम तक अपने गंतव्य स्थान पर पहुंचकर विश्राम करेगी। 5 मई को डोली शाम को केदारनाथ पहुंच जाएगी। 6 मई को केदारधाम के कपाट खुलेंगे और डोली मंदिर परिसर में प्रवेश करेगी।
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