कांग्रेस के दुलारे और इन दिनों अनेक आरोपों से घिरकर भागे—भागे फिर रहे हर्ष मंदर की रांची स्थित संस्था ‘रेनबो होम’ मेें सात साल की एक बच्ची के साथ दुराचार हुआ, लेकिन राज्य पुलिस आरोपियों के विरुद्ध कोई मामला दर्ज नहीं कर रही है। माना जा रहा है कि पुलिस पर कहीं से दबाव डाला जा रहा है।
झारखंड की वर्तमान सरकार अपने आपको जनजातीय समाज की सरकार कहते नहीं थकती। बावजूद इसके इसी समाज के ऊपर अत्याचार और शोषण की खबरें आए दिन मिलती रहती हैं और सरकार के कानों में जूं तक नहीं रेंगती। ताजा मामला राजधानी रांची के धुर्वा क्षेत्र का है। यहां के ‘रेनबो होम’ में सात साल की बच्ची के साथ यौन शोषण का मामला सामने आया है। आरोप यह है कि यहां के एक गार्ड ने बच्ची का यौन शोषण किया। ‘रेनबो होम’ का संचालन रेनबो फाउंडेशन इंडिया द्वारा किया जाता है। कहा जाता है कि यह संस्था पूर्व आईएएस अधिकारी और कांग्रेस के करीबी हर्ष मंदर की है। शायद यही कारण है कि बार—बार आवेदन देने पर भी आरोपित गार्ड के विरुद्ध झारखंड पुलिस मामला दर्ज नहीं कर रही है।
रांची के एक समाजसेवी को इस घटना की जानकारी हुई तो उन्होंने 22 अप्रैल को झारखंड सरकार और राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग को पत्र लिखकर पूरी जानकारी दी और मामले को गंभीरता से लेने की बात कही। इस पत्र में उन्होंने लिखा कि रेनबो फाउंडेशन इंडिया द्वारा संचालित रेनबो होम में कार्यरत गार्ड द्वारा 7 वर्ष की जनजातीय समाज की बच्ची के साथ यौन शोषण किया गया। रेनबो होम के संचालक, वार्डन, होम मैनेजर श्वेता, रीना कच्छप और डॉ बनमाली आदि इस पूरे मामले को दबाने का प्रयास कर रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने रांची बाल कल्याण समिति पर भी इस मामले को दबाने का आरोप लगाया है। इस पत्र की प्रतिलिपि झारखंड के राज्यपाल, झारखंड पुलिस महानिदेशक, रांची के अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस उपमहानिरीक्षक और वरीय पुलिस अधीक्षक को भी भेजी गई है।
इतनी जानकारी देने के बाद भी झारखंड सरकार या झारखंड पुलिस की ओर से इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई। अंत में राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो को खुद दिल्ली से रांची आना पड़ा। उन्होंने झारखंड पुलिस पर आरोप लगाया कि चूंकि यह संस्था हर्ष मंदर की है इसलिए पूरा सरकारी तंत्र आरोपी गार्ड को बचाने में लगा है।
उन्होंने कहा कि झारखंड पुलिस यौन शोषण जैसे संगीन अपराध पर भी मामला दर्ज नहीं कर रही है। पुलिस परिजन को ही फरियादी बनाने पर अड़ी हुई है। इस विषय को लेकर उन्होंने ट्वीट कर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से सवाल किया कि आखिर किसके दबाव पर मामला दर्ज नहीं किया जा रहा है।
शर्मनाक बात है कि पिछले चार घंटे से झारखण्ड पुलिस बच्चे के यौन शोषण के संज्ञेय अपराध में भी FIR दर्ज करने परिजन को फ़रियादी बनाने को बुलाने की ज़िद पर अड़ी है,न तो स्वयं से मुक़दमा बना रही न ही @NCPCR_ को फ़रियादी बना रही है।
किसका दबाव है ?@HemantSorenJMM https://t.co/Ar8vUmrJi8— प्रियंक कानूनगो Priyank Kanoongo (@KanoongoPriyank) April 26, 2022
दस वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। राजनीति, सामाजिक और सम-सामायिक मुद्दों पर पैनी नजर। कर्मभूमि झारखंड।
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