देहरादून से लगे विकासनगर क्षेत्र के कालसी विकासखंड के एक गांव के बाहर बोर्ड लगा दिया गया है कि यहां कबाड़ी, फेरी वाले और चूड़ी बेचने वालों का प्रवेश वर्जित है। उल्लेखनीय है कि राज्य के पहाड़ी गांवों में रोहिंग्या, बांग्लादेशी मुस्लिमों की घुसपैठ की खबरें आ रही हैं, जिसके खिलाफ उत्तराखंड सरकार ने ‘वेरिफिकेशन ड्राइव’ शुरू किया हुआ है।
रोहिंग्या और बांग्लादेशी मुस्लिमों की घुसपैठ
उत्तराखंड में बढ़ रही मुस्लिम आबादी को लेकर स्थानीय लोगों में तीखी प्रतिक्रिया सामने आ रही है। खबर है कि राज्य में म्यामांर से आये रोहिंग्या और बांग्लादेशी मुस्लिमों की घुसपैठ हो रही है। जनभावनाओं को देखते हुए पुष्कर धामी सरकार ने पुलिस के जरिये बाहरी लोगों का सत्यापन करवाने का अभियान शुरू करवाया है।
हमारी संस्कृति और परम्पराएं रहें सुरक्षित
उधर सुदूर पहाड़ों के गांव भी इस समस्या से चिंतित दिखाई दे रहे हैं। देहरादून जिले के विकासनगर क्षेत्र में कालसी तहसील के बिजऊ ग्राम के बाहर स्थानीय लोगों ने एक बोर्ड लगा दिया है, जिसमें लिखा है कि गांव में बिना अनुमति के टीन टप्पर, फेरी वाले, चूड़ी वाले, आइसक्रीम वालों का प्रवेश वर्जित है। गांव वालों ने यह फैसला इसलिए लिया है क्योंकि उन्हें भय है कि ये लोग गांवों में आकर अपराधिक गतिविधियां कर सकते हैं। लव जिहाद की वारदात को अंजाम दे सकते हैं या फिर वो यहां काबिज हो सकते हैं। विकास नगर विधानसभा क्षेत्र में पिछले चुनाव के दौरान यह खबर आ रही थी कि इस क्षेत्र में मुस्लिम वोटर्स की संख्या बढ़ रही है। बिजऊ गांव के गजेंद्र सिंह तोमर का कहना है कि हमारा क्षेत्र जौनसारी है। यहां हमारी अपनी संस्कृति है अपनी परम्पराएं हैं, हम चाहते हैं कि वो सब सुरक्षित रहे, इसलिए हम गैर लोगों को गांव में नहीं आने देना चाहते।
ऐसा हर गांव में होना चाहिए
गांव के बुजुर्ग शूरवीर सिंह तोमर कहते हैं कि हमने पिछले कुछ समय से यह महसूस किया है कि यहां गैर हिन्दू लोग बड़ी संख्या में आने लगे हैं। इनकी नजरें अच्छी नहीं हैं, हम सतर्क हैं और इसीलिए यह कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि ऐसा हर गांव में होना चाहिए। बहरहाल उत्तराखंड के इस गांव के लोगों ने खुद ही विकराल रूप लेती जनसंख्या असंतुलन की समस्या के समाधान की दिशा में एक कदम बढ़ाया है।
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