इन दिनों झारखंड में 15—16 घंटे बिजली की कटौती हो रही है, यह भी उस पार्टी की सरकार मेें जिसने चुनाव में वादा किया था कि 100 यूनिट बिजली मुफ्त दी जाएगी। अब पैसा खर्च करने के बाद भी लोगों को बिजली नहीं मिल रही है।
झारखंड में काफी समय से बिजली की कटौती की वजह से लोग परेशान होते रहे हैं। इसके लिए आम जनता से लेकर बड़े-बड़े लोग भी आंदोलन और धरने दे रहे हैं, लेकिन सरकार इन मामलों पर चुप्पी साधे बैठी है। बिजली कटौती से परेशान होकर अब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी की पत्नी साक्षी ने झारखंड में हो रही बिजली कटौती को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उनकी इस प्रतिक्रिया के बाद पूरे झारखंड में सियासी बवाल मचा हुआ है। उन्होंने 25 अप्रैल को ट्वीट कर कहा है कि झारखंड के एक करदाता के रूप में यह जानना चाहती हूं कि आखिर झारखंड में इतने वर्षों से बिजली का संकट क्यों है? हम लोग जिम्मेदारी से बिजली बचाने के लिए लेकर तैयार रहते हैं, इसके बाद भी लोगों को बिजली की कटौती का सामना करना पड़ रहा है। साक्षी ने राज्य की बिजली व्यवस्था पर सवाल सरकार के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है।
As a tax payer of Jharkhand just want to know why is there a power crisis in Jharkhand since so many years ? We are doing our part by consciously making sure we save energy !
— Sakshi Singh 🇮🇳❤️ (@SaakshiSRawat) April 25, 2022
इस बिजली कटौती की वजह से न सिर्फ आम जनमानस परेशान हो रहा है, बल्कि कई उद्योगों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर भी खासा असर देखने को मिल रहा है। रांची के एक प्रतिष्ठित व्यवसायी के अनुसार बिजली की कमी की वजह से उन्हें कई बार जनरेटर की मदद से उत्पादन करना पड़ रहा है। ऐसा करने से उनका उत्पाद पहले से महंगा हो जा रहा है जो लोगों के लिए भी भविष्य में महंगा ही पड़ने वाला है। इन मामलों से आप भी अंदाजा लगा सकते हैं कि भविष्य में अगर महंगाई बढ़ेगी तो उसमें बिजली की कटौती का भी महत्वपूर्ण योगदान रहेगा।
झारखंड के प्रथम मुख्यमंत्री और भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने 26 अप्रैल को जामताड़ा में झारखंड सरकार के खिलाफ आयोजित एक दिवसीय विरोध प्रदर्शन में कहा कि झारखंड सरकार बिजली, पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं भी देने में विफल हो रही है। एक तरफ जनता हाहाकार कर रही है और राज्य का मुखिया खुद और अपने सगे—संबंधियों के लिए खदान लेने में व्यस्त है। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में सबसे अधिक कर देने वाले से लेकर आम आदमी भी की किल्लत से त्रस्त है। झारखंड की राजधानी रांची में 10 से 12 घंटे बिजली नहीं रहती है तो सुदूर गांवों की स्थिति क्या होगी, यह अंदाजा लगाना भी मुश्किल है।
राज्य में सबसे अधिक टैक्स देने वाले से लेकर आम आदमी बिजली की किल्लत से त्रस्त है।
जब राजधानी में 10-12 घंटे बिजली नहीं रहती तो सोचिये सुदूरवर्ती गांवों का क्या हाल होगा?
लेकिन अफसोस राज्य के मुखिया को अपने परिवार को लाभ पहुंचाने से फ़ुर्सत मिले तब तो वो आम जनता की परेशानी समझे।— Babulal Marandi (@yourBabulal) April 26, 2022
पूरे झारखंड में गर्मी के मौसम में बिजली की कटौती करने से लोगों में खासी नाराजगी देखी जा रही है। आने वाले समय में भी इसके समाधान का आसार नहीं दिखाई दे रहे हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार 25 अप्रैल सोमवार को 400 मेगावाट से अधिक की बिजली की कमी महसूस की गई। इसके पीछे के कारणों में बताया जा रहा है कि इंडियन एनर्जी एक्सचेंज से बिजली नहीं मिल पा रही है, हालांकि अधिकारियों ने ऐसी स्थिति में जल्दी सुधार की संभावना भी जताई है। फिलहाल पूरे राज्य में 2500 मेगावाट से अधिक बिजली की आवश्यकता है।
राज्य में चरमराई हुई बिजली व्यवस्था को लेकर पूरे प्रदेश में झारखंड सरकार के खिलाफ लोग आंदोलन कर रहे हैं। जमशेदपुर में भाजपा द्वारा बिजली कटौती को लेकर 25 अप्रैल को विरोध प्रदर्शन किया गया। इस अवसर पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा कि चुनाव के वक्त हेमंत सोरेन ने झारखंड की जनता से 100 यूनिट बिजली मुफ्त करने की बात कही थी। लेकिन यहां मुफ्त बिजली तो छोड़िए, पैसा देने के बाद भी लोगों को बिजली नहीं मिल रही है।
दस वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। राजनीति, सामाजिक और सम-सामायिक मुद्दों पर पैनी नजर। कर्मभूमि झारखंड।
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