सामूहिक भोजन, साप्ताहिक भजन तथा सामूहिक संवाद जैसे कार्यक्रमों से संस्कार और संस्कृति को मिलेगी बढ़ावा।
गत 21 अप्रैल को दिल्ली के मयूर विहार स्थित राम मंदिर के प्रांगण में छप्पन भोग कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इसकी शुरुआत महिला भजन मंडली द्वारा संगीत—कीर्तन की मधुर गुंजन से प्रारंभ हुई। दिल्ली प्रांत के अखिल भारतीय परिवार प्रबोधन के संयोजक डॉ. रविंद्र जोशी ने मार्गदर्शन देते हुए कहा कि कुटुम्ब प्रबोधन गतिविधि के माध्यम से समाज में पारिवारिक आत्मीयता एवं देश के प्रति जिम्मेदारी का भाव जागृत करने का प्रयास सतत रूप से हो रहा है। सम्बोधन के दौरान डॉ. जोशी ने परिवार के सदस्यों के साथ सामूहिक भोजन, साप्ताहिक भजन तथा सामूहिक संवाद जैसे विभिन्न विषयों पर विस्तृत चर्चा करते हुए बताया कि हमें अपने घर पर काम करने वाले सभी सेवाकर्मियों के साथ स्नेहपूर्ण व सहिष्णु व्यवहार रखना चाहिए।
मयूर विहार नगर की टोली व रामभक्तों को संबोंधित करते हुए डॉ. जोशी ने बताया कि हमारा उद्देश्य समाज एवं परिवार में सहयोग, सहभागिता, सहनशीलता, सदाचार, संयम एवं चरित्र निर्माण की भावना को संबल करने का है जिससे परिवार से बौद्धिक जड़ता, भय एवं स्वार्थ का भाव ख़त्म होगा और घर में सौहार्द व सेवालय का वातावरण बनेगा, यही कुटुम्ब प्रबोधन गतिविधि का लक्ष्य भी है।
वर्तमान परिप्रेक्ष्य में जहां समाज में नकारात्मकता तथा विषमता का परिवेश व्याप्त है, वहीं दूसरी तरफ कुटुम्ब प्रबोधन इस विषमता के वातावरण को हटाकर समता एवं न्याय का वातारण तैयार करने का कार्य ज़मीनी स्तर पर त्वरित रूप से कर रही है। डॉ. जोशी जी ने रामायण, श्रीमद् भागवत गीता, पुराणों व उपनिषदों में वर्णित कई पात्र व घटनाओं को उद्धृत करते हुए बताया कि गीता का संदेश बुरी बातों का त्याग तथा अच्छे कार्यों के लिए समय का बलिदान देना है और आज हम सबको परिवार प्रबोधन के लिए इस पर अमल करने का प्रण लेना चाहिए।
सामाजिक समरसता को मजबूती प्रदान करने हेतु परिवार प्रबोधन का प्रयास हर एक व्यक्ति के मन को बदलने व पारिवारिक जीवन को बदलने का है जिसके लिए संघ प्रत्येक खण्ड स्तर पर महिला एवं पुरुषों की टोली बनाकर वर्षों से कार्य कर रहा है।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में कई संगठनों के वरिष्ठ कार्यकर्ता और आम लोग उपस्थित रहे।
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