24 अप्रैल को झारखंड की राजधानी रांची के आम लोग संघ के स्वयंसेवकों का अनुशासन देखकर दंग रह गए। पथ संचलन हुआ, लेकिन कहीं किसी को कोई परेशानी नहीं हुई। स्वयंसेवकों ने यातायात व्यवस्था को स्वयं ही संभाला।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के रांची विभाग की ओर से 24 अप्रैल को धुर्वा स्थित सरस्वती विद्या मंदिर परिसर में पथ संचलन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस संचलन में रांची विभाग के अंतर्गत 4 जिलों से पूर्ण गणवेश के साथ 200 से अधिक की संख्या में स्वयंसेवकों ने भाग लिया। इसके साथ ही लगभग 30 स्वयंसेवकों को संचलन की व्यवस्था में लगाया गया था। बता दें कि रांची विभाग के अंतर्गत रांची महानगर, रांची ग्रामीण, रामगढ़ और खूंटी जिले आते हैं। संचलन में इन स्थानों से स्वयंसेवक शामिल हुए। विभाग कार्यवाह संजीत कुमार ने बताया कि प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी यह संचलन निकाला गया। पथ संचलन सरस्वती विद्या मंदिर धुर्वा से शुरू होकर जेएसएससी स्टेडियम, पारस हॉस्पिटल होते हुए वापस सरस्वती विद्या मंदिर में समाप्त हुआ।
रास्ते में लोगों ने इस संचलन का जोरदार स्वागत किया, यहां तक कि लोगों ने स्वत: ही स्वयंसेवकों के लिए रास्ता खाली किया। इसके साथ ही वहां पर पूरे रास्ते में कई लोगों ने इस पथ संचलन को देखा और इसकी सराहना की। पूरे कार्यक्रम की देखरेख के लिए मुख्य रूप से झारखंड के प्रांत कार्यवाह संजय कुमार मौजूद रहे। इनके साथ रांची विभाग के संघचालक विवेक भसीन, रामगढ़ जिले के संघचालक शत्रुघन प्रसाद और रामगढ़ महानगर के संघचालक पवन मंत्री मुख्य रूप से संचलन और संचलन की व्यवस्था में शामिल रहे।
पथ संचलन के दौरान किसी भी तरह से कोई बाधा न आ सके इसके लिए संघ के स्वयंसेवकों ने पथ संचलन के आगे और पीछे की ट्रैफिक व्यवस्था को खुद ही संभाला। पथ संचलन निकालने से पहले धुर्वा के सरस्वती विद्या मंदिर में सुबह से ही तैयारियां की गईं। इन तैयारियों में कुछ लोग पथ संचलन और कुछ लोग घोष का अभ्यास कर रहे थे। इसका परिणाम यह हुआ कि पथ संचलन बहुत ही शालीनता और अनुशासन के साथ संपन्न हुआ। लोग संघ के स्वयंसेवकों की लयबद्धता, अनुशासन और सादगी देखकर उनकी प्रशंसा करने से अपने को रोक नहीं सके।
दस वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। राजनीति, सामाजिक और सम-सामायिक मुद्दों पर पैनी नजर। कर्मभूमि झारखंड।
टिप्पणियाँ