असम में एक तरफ मादक पदार्थों की तस्करी तो दूसरी तरफ जिहादी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा द्वारा प्रशासन को स्पष्ट निर्देश है। यही वजह है कि पुलिस की सक्रियता के चलते राज्य में आए दिन तस्करों की धरपकड़ होती है और उनके नेक्सस को ध्वस्त करने का काम किया जाता है। इसी तरह से राज्य में लगातार जिहादी गतिविधियों को भी नेस्तेनाबूद करने का काम किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने बांग्लादेश के आतंकवादी समूह अंसार-उल बांग्ला टीम के कई मॉड्यूल पर नकेल कसने के लिए राज्य पुलिस की सराहना की। उन्होंने ट्विट में लिखा कि असम पुलिस ने अब तक इसी संगठन के कुल 16 आतंकवादियों को गिरफ्तार किया है। लंबे समय से चले आ रहे ऑपरेशन में असम पुलिस ने अंसारुल बांग्ला टीम/अल-कायदा भारतीय उपमहाद्वीप के कई मॉड्यूल पर कार्रवाई की है। यह एक बड़ी खुफिया सफलता है और असम पुलिस के साहस और समर्पण का एक सच्चा उदाहरण है। अब तक कुल 16 गिरफ्तारियाँ हुई हैं। बता दें कि गत 18 अप्रैल को मुख्यमंत्री ने कहा था कि राज्य में जिहादी नेटवर्क के बारे में जानकारी मिली है और हम इसके खात्मे के लिए काम कर रहे हैं। हमें केंद्र से खुफिया जानकारी मिल रही है।उल्लेखनीय है कि अप्रैल के दूसरे सप्ताह में बारपेटा जिले में पुलिस ने आतंकी संगठन अल कायदा से जुड़े आतंकी संगठन अंसारुल्लाह बांग्ला टीम से जुड़े छह लोगों को गिरफ्तार किया था। सभी छह पर गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है।
In a long-drawn Operation @assampolice has cracked down on several modules of Ansarul Bangla Team /
Al-Qaida Indian Subcontinent in Assam . It’s a huge intelligence success and a true example of courage and dedication of Assam Police. Total Arrests so far -16— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) April 25, 2022
बारपेटा के थे आतंकी
यह पहली बार नहीं था कि बारपेटा में इस तरह की गिरफ्तारी हुई हो। मार्च महीने में भी सैफुल इस्लाम नामक एक बांग्लादेशी नागरिक और एबीटी से संबंध रखने वाले चार अन्य लोगों को हिरासत में लिया था। गिरफ्तारी के बाद यह मामला एनआईए के पास चला गया।एनआईए सैफुल इस्लाम और चार अन्य के खिलाफ धारा 120 बी, 121, 121 ए, धारा 17, 18, 18 बी, 19, 20 और पासपोर्ट अधिनियम की धाराएँ, विदेशियों के लिए भारत में अवैध प्रवेश और पासपोर्ट नहीं दिखाने के आरोप के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी।
घुसपैठिया था सैफुल
पड़ताल में सामने आया कि बांग्लादेशी सैफुल इस्लाम घुसपैठिया था। उसने अवैध रूप से भारत में प्रवेश किया था। अपनी पहचान छिपाकर वह बारपेटा में ढकलीपारा मस्जिद में अरबी भाषा के शिक्षक के रूप में काम कर रहा था। लेकिन इसकी आड़ में वह युवाओं को जिहादी बनाने के लिए भी काम कर रहा था।
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