मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शासन की संस्तुति पर आईएफएस किशनचंद के खिलाफ अभियोग चलाने की अनुमति दे दी है। हालाकि, अभी केंद्र सरकार से अनुमति मिलनी बाकी है। इसके लिए केंद्र सरकार से आग्रह किया गया है।
उल्लेखनीय है कि भारतीय वन सेवा( आईएफएस) किशन चंद के पास आय से अधिक संपत्ति होने की बात सामने आई है ,जिसकी जांच उत्तराखंड के विजिलेंस विभाग द्वारा की जा चुकी है। जांच के बाद विजिलेंस ने आईएफएस किशनचंद की चार्जशीट बना ली है। ऐसे में अब चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर विजिलेंस मुकदमा चलाएगी।
विजिलेंस टीम ने आईएफएस किशन चंद के खिलाफ तैयार की गई चार्जशीट में आरोप लगाया है कि किशन चंद्र ने अपने आय से 375 गुना ज्यादा संपत्ति अर्जित की। यही नहीं, विजिलेंस ने 33 करोड़ की संपत्ति का खुलासा भी किया है। इस संपत्ति में किशनचंद की मात्र सात करोड़ की संपत्ति है। जबकि ज्यादातर संपत्ति परिजनों के नाम खरीदी गई है। भोगपुर में बेटे के नाम से अभिषेक स्टोन क्रेशर लगाया। पिरानकलियर में पत्नी के नाम से ब्रज इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल बनाया है। यही नहीं, स्कूल के लिए पत्नी के नाम पर ट्रस्ट बनाया। अपने नाम संपत्ति खरीदने के लिए ट्रस्ट से लिए गए ऋण को अभी तक नहीं लौटाया है ।
इस ट्रस्ट में लोगों से बड़ी धनराशि जमा कराई गई। साथ ही विजिलेंस ने चार्जशीट में जिक्र किया है कि हरिद्वार डीएफओ रहते हुए लैंसडौन प्रभाग में लोगो को नौकरी देने की एवज में उनकी जमीने अपने नाम करा ली। इसके साथ ही देहरादून बसंत विहार में 2.40 करोड़ का मकान ख़रीदा। मकान के लिए 60 लाख का स्कूल के ट्रस्ट से ऋण लिया। पत्नी के खाते से 1.80 करोड़ लिए गए। इस पैसे को एक दिन पहले अलग अलग लोगों से जमा करवाया।
मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने इस मामले में कहा है कि जांच के बाद आरोप सही पाए गए है,आरोप तय हो गए है। जांच एजेंसियों का काम है आरोपी को सजा दिलवाना हमने केंद्र से अनुमति मांगी है
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