उत्तराखंड पुलिस के डीजीपी के निर्देश पर अगले 10 दिनों तक सघन सत्यापन अभियान चलेगा। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने रोहिंग्या मुसलमानों की राज्य में घुसपैठ की खबरों पर कहा था कि हम शीघ्र ही वेरिफिकेशन अभियान चलाएंगे।
डीजीपी अशोक कुमार ने सभी जिलों से एसएसपी को निर्देश दिया है कि पिछले 10 सालों से यहां रहने वाले रेहड़ी, पटरी और किराएदारों का सत्यापन करते हुए प्रत्येक दिन की रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को भेजी जाए। डीजीपी ने कुमायूं और गढ़वाल मंडलों के उप महानिरीक्षकों को भी कहा कि वो खुद इसकी प्रतिदिन समीक्षा करें। उन्होंने कहा कि जो लंबे समय से बिना सत्यापन के रह रहे हैं। उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
डीजीपी के निर्देश के बाद आज से उत्तराखंड के मैदानी जिलों में सत्यापन अभियान शुरू कर दिया गया। पुलिस ने श्रमिक बस्तियों में जाकर यहां के लोगों के आधार कार्ड, वोटर आईडी की जांच की। डीआईजी कुमायूं डॉ नीलेश भरणे ने कहा है कि जिसके यहां बिना सत्यापन के किरायेदार मिलेगा। उस मकान स्वामी, लेबर ठेकेदार के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। उधर खबर है सत्यापन के लिए अभियान शुरू होते ही संदिग्ध लोगों ने यहां से अपना सामान समेटना भी शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि लोग गांव में ईद मनाने का बहाना करके यहां से जाने लगे हैं।
हमारी धार्मिक संस्कृति ही हमारी पहचान : सीएम
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने फिर कहा है कि हमारी धार्मिक संस्कृति ही हमारी पहचान है। उसके बिना हमारा कोई अस्तित्व नहीं है। हम इसे बचाने के लिए वचनबद्ध हैं। सत्यापन जरूरी है। ऐसे कौन लोग हैं जिनसे हमारे राज्य की शांति व्यवस्था प्रभावित हो सकती है? उन्हें यहां चार धाम में प्रवेश क्यों न वर्जित किया जाए।
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