उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बाद अब दिल्ली में भी अतिक्रमणकारियों और उपद्रवियों के घर बुलडोजर चलेगा। दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने जहांगीरपुरी में दंगाइयों द्वारा किए गए अवैध निर्माण एवं अतिक्रमण को चिन्हित कर उस पर तुरंत बुलडोजर चलाने की मांग की थी। उन्होंने इस संबंध में महापौर और कमिश्नर को पत्र लिखा था। उन्होंने देर रात इस संबंध में ट्वीट किया। वहीं जहांगीरपुरी में अवैध कब्जों को गिराने से संबंधित निगम का पत्र सोशल मीडिया पर देर रात वायरल हुआ। इसमें अवैध कब्जों को ढहाने के लिए पुलिस से बल उपलब्ध कराने को कहा है। जहांगीरपुरी क्षेत्र में 20 और 21 अप्रैल को अवैध निर्माण पर अतिक्रमण अभियान चलाया जायेगा। एमसीडी ने इस दौरान दिल्ली पुलिस से 400 जवानों को कानून-व्यवस्था संभालने के लिए कहा है। बुधवार को जहांगीरपुरी में बड़ी कार्रवाई हो सकती है।
जहांगीरपुरी में निकाली गई शोभायात्रा पर पथराव करने वाले दंगाइयों को स्थानीय AAP MLA एवं निगम पार्षद का संरक्षण प्राप्त है।
आज @NorthDmc के महापौर एवं कमिश्नर को पत्र लिखा कि इन दंगाइयों द्वारा किए गए अवैध निर्माण एवं अतिक्रमण को चिन्हित कर उस पर तुरंत बुलडोजर चलाया जाए! pic.twitter.com/jSXc1Rttgx
— Adesh Gupta (Modi Ka Parivar) (@adeshguptabjp) April 19, 2022
आदेश गुप्ता ने यह भी आरोप लगाया है कि जहांगीरपुरी में निकाली गई शोभायात्रा पर पथराव करने वाले दंगाइयों को स्थानीय आम आदमी पार्टी के विधायक और निगम पार्षद का संरक्षण प्राप्त है। उन्होंने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से यह भी पूछा है कि रोहिंग्या मुसलमानों को निकालने की याचिका जो पिछले 5 साल से लंबित पड़ी है, उस पर दिल्ली सरकार के पक्ष ने अभी तक जवाब क्यों नहीं दिया और कितने सालों बाद देंगे? उन्होंने कहा कि उत्तर पूर्वी दिल्ली में कई रोहिंग्या व बांग्लादेशी रह रहे हैं, ये सभी गैर कानूनी काम कर रहे हैं। उनका राशन कार्ड बनवा रही है, उनको फ्री बिजली, पानी और राशन दे रही है। इन सभी को दामाद की तरह खिला पिला कर वोट बैंक पॉलिटिक्स कर रहे हैं।
दिल्ली: जहांगीरपुरी क्षेत्र में 20 और 21 अप्रैल को अवैध निर्माण पर अतिक्रमण अभियान चलाया जायेगा। एमसीडी ने इस दौरान दिल्ली पुलिस से 400 जवानों को कानून-व्यवस्था संभालने के लिए कहा है। pic.twitter.com/58DmGek1QT
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 19, 2022
सीआरपीएफ की 12 कंपनियां तैनात
जहांगीरपुरी में गृह मंत्रालय ने अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया। वहीं केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की 12 कंपनियां मंगलवार को तैनात की गईं। सीआरपीएफ के प्रवक्ता दिलीप अंबेश ने बताया कि आज जहांगीरपुरी में सीआरपीएफ की 12 कंपनियों को भेजा गया है। इसमें छह कंपनी सुबह और छह कंपनी रात में तैनात रहेंगी। सूत्रों की मानें तो सोमवार दोपहर पथराव की घटना को देखते हुए केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल को सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई है। उल्लेखनीय है कि सोमवार को पुलिस कार्रवाई के विरोध में कुछ लोगों ने पथराव का प्रयास किया। हालांकि इलाके में भारी संख्या में मौजूद पुलिस बल ने लोगों को काबू किया।
गृहमंत्रालय को सौंपी रिपोर्ट
दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने उत्तर पश्चिमी जिले के जहांगीरपुरी हिंसा मामले में अपनी जांच रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंपी है। पुलिस सूत्रों की मानें तो प्रारंभिक रिपोर्ट में पूरी घटना और दिल्ली पुलिस ने जो कार्रवाई की है उस पर प्रकाश डाला है।
पुलिस के सूत्रों के अनुसार, रिपोर्ट में कहा गया है कि आरोपित के खिलाफ आपराधिक साजिश का आरोप लगाया गया ताकि मामले की बड़े पैमाने पर जांच की जा सके। सूत्र के मुताबिक रिपोर्ट में आगे यह भी कहा गया है कि स्थिति को भड़काने के लिए कट्टरपंथी इस्लामी संगठन की संलिप्तता से भी इनकार नहीं किया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली पुलिस को यहां जहांगीरपुरी में हुई हिंसा मामले में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश सोमवार को दिए थे। हनुमान जन्मोत्सव पर निकाली गयी शोभायात्रा के दौरान शनिवार को जहांगीरपुरी में दो समुदाय के लोगों के बीच झड़प हो गई थी। गृह मंत्री ने दिल्ली पुलिस को कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने को बताया कि हिंसा मामले में अब तक दो समुदायों के 23 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
इस मामले की जांच अपराध शाखा को सौंपी गयी है और इसके लिए 14 टीमें बनाई गयी हैं। दिल्ली के पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने सोमवार को कहा था कि जहांगीरपुरी हिंसा के सिलसिले में अब तक दोनों समुदायों के 23 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।उन्होंने इन दावों का खंडन किया कि हनुमान जयंती शोभायात्रा के दौरान एक मस्जिद में भगवा झंडे फहराने का प्रयास किया गया था। अस्थाना ने संवाददाता सम्मेलन के दौरान जोर देकर कहा कि हिंसक झड़पों में शामिल लोगों को वर्ग, पंथ या धर्म के आधार पर बख्शा नहीं जाएगा।
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