जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकी अपनी पहचान छिपाने के लिए आधार कार्ड का दुरुपयोग कर रहे हैं। इस खुलासे के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस यूआईडीएआई से कार्ड की सुरक्षा और मजबूत करने का अनुरोध करेगी। दरअसल कुछ दिन पहले श्रीनगर में मारे गए पाकिस्तानी दहशतगर्दों के पास से जम्मू के आधार कार्ड मिले थे। जब पुलिस ने इन दोनों आधार कार्ड की जब जांच की तो पता चला कि आधार नंबर असली थे, लेकिन कार्ड पर पासपोर्ट आकार की लगी हुईं तस्वीरें फर्जी थीं। ये दोनों आतंकी इस महीने की शुरुआत में सीआरपीएफ जवानों की हत्या में शामिल थे। मोहम्मद भाई उर्फ अबू कासिम 2019 तथा अबू अरसलान उर्फ खालिद 2021 से कश्मीर घाटी में सक्रिय था।
तंत्र तैयार करने पर जोर
जम्मू—कश्मीर पुलिस के अनुसार पुलिस बल आतंकवादियों द्वारा आधार कार्ड के दुरुपयोग की समय रहते जानकारी प्राप्त करने के लिए एक तंत्र तैयार करने पर जोर देने में जुट गया है। पुलिस ने इन दोनों आधार कार्ड की जब जांच की तो पता चला कि आधार नंबर असली थे लेकिन कार्ड पर पासपोर्ट आकार की लगी हुईं तस्वीरें फर्जी थीं। असली आधार कार्ड में वेबकैम पर क्लिक की गई तस्वीर होती है। अधिकारियों ने कहा कि पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूहों और आईएसआई में बैठे उनके आकाओं द्वारा इस तरह के कपट पूर्ण प्रयासों का उद्देश्य कश्मीर घाटी में आतंकवाद को बनाए रखना है।
यूआईडीएआई को पत्र लिखकर करेंगे अनुरोध
पुलिस के अनुसार आधार कार्ड के खुले तौर पर दुरुपयोग से चिंतित जम्मू-कश्मीर पुलिस यूआईडीएआई को पत्र लिखकर और अधिक सुरक्षा सुविधाओं को शामिल करने का अनुरोध करेगी। गौरतलब है कि साल, 2019 में पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले के मास्टरमाइंड में से एक मोहम्मद इस्माल अल्वी उर्फ लम्बू का भी फर्जी आधार कार्ड बरामद किया गया था। अधिकारियों ने बताया कि पिछले कुछ महीनों में आतंकी समूहों के विभिन्न ठिकानों से कई फर्जी आधार कार्ड भी मिले हैं।
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