चीन अमेरिका को देखकर एक बार फिर त्योरियां चढ़ाए बैठा है। उसने अमेरिका को फिर से चेतावनी दी है कि ताइवान से संबंध न रखे। ड्रेगन की चिढ़ की वजह है अमेरिका के छह सांसदों का ताइवान जाकर वहां के नेताओं से बात करना। अमेरिका की सीनेट में विदेश मामले देखने वाली कमेटी के अध्यक्ष बॉब मेनेंडेज के नेतृत्व में ताइवान गए अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल के वहां पहुंचने से पहले ही चीन ने आंखें तरेरनी शुरू कर दी थीं। लेकिन अब तो वह बौखलाया हुआ है।
इसी गुस्से में भरकर ड्रैगन ने ताइवान के पास सैन्य अभ्यास करने की घोषणा की है। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के पूर्वी थिएटर कमांड ने लड़ाकू जहाजों, विमानों, फाइटर जेट के साथ ही अन्य साजो—सामान पूर्वी चीन सागर और ताइवान द्वीप के आसपास समुद्री तथा हवाई अभ्यास करने के लिए रवाना कर दिया है।
अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल 14 अप्रैल को ताइवान पहुंचा था। इस प्रतिनिधिमंडल ने वहां ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन और रक्षा मंत्री चिउ कुओ-चेंग के साथ कई मुद्दों पर बातचीत की है। इस वार्ता की पल—पल की खबर ले राहे चीन के विदेश विभाग ने अपने एक बयान में कहा है कि अमेरिका ताइवान को लेकर चीन की नीतियों का सम्मान करे और ताइवान से किसी भी तरह के संबंध न रखे।
ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन और रक्षा मंत्री चिउ कुओ-चेंग के साथ कई मुद्दों पर बातचीत की है। इस वार्ता की पल—पल की खबर ले राहे चीन के विदेश विभाग ने अपने एक बयान में कहा है कि अमेरिका ताइवान को लेकर चीन की नीतियों का सम्मान करे और ताइवान से किसी भी तरह के संबंध न रखे।
इसके बाद सैन्य अभ्यास के बारे में चीन का बयान आया कि ऐसा करके वह अमेरिका को कड़ा जवाब देना चाहता है। पीएलए की पूर्वी थियेटर कमांड की तरफ से जारी इस बयान में ये भी कहा गया है कि जो आग से खेलता है वह खुद भी उसमें जल जाता है। इससे पहले चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि हम अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल की ताइवान यात्रा और दोनों पक्षों के बीच हर तरह की बातचीत का विरोध करते हैं। चीनी प्रवक्ता का कहना था कि अमेरिकी कांग्रेस के सदस्य वन चाइना पॉलिसी के तहत ही काम करें और इस खतरनाक रास्ते पर आगे न बढ़ें।
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