दिलीप धारूरकर
डा. बाबासाहब आंबेडकर जयंती के अवसर पर 14 अप्रैल को 14 ट्वीट कर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने शरद पवार की तुष्टीकरण की राजनीति की पोल खोल दी। शरद पवार के अलग अलग बयान ले कर यह अलग अंदाज में तथ्यों के आधार पर आलोचना करने से इसकी काफी चर्चा हो रही है।
फडणवीस ने अपने 14 ट्वीट में धारा 370, द कश्मीर फाईल्स, मुंबई के बम विस्फोट, इशरत जहां एन्काउंटर केस जैसे मसले पर शरद पवार की भूमिका वोट बैंक के तुष्टीकरण नीति के अनुसार थी यह दिखा दिया है। इस के लिए विभिन्न समाचार पत्र, पत्रिकाओं मे प्रकाशित समाचार का संदर्भ दे कर उन्होने ये ट्वीट किए हैं। शरद पवार पर हमला बोलते हुए भारतीय संविधान के शिल्पकार डा. आंबेडकर की इच्छा और मूल्यों के उलट काम करने का आरोप लगाया है।
इस विषय में जब शरद पवार को पूछा गया कि फडणवीस ने 14 ट्वीट किये हैं आपको कैसा लग रहा है तो उन्होने कहा कि मैं एन्जॉय कर रहा हूँ। मेरे दल की स्थापना से मेरे अध्यक्ष देख लो विभिन्न जाती कें अध्यक्ष के नाम मिलेंगे। मेरा दल एक जातीतक सीमित नही है यह समझ मे आएगा। फिर भी मेरे उपर जातीगत राजनीति का आरोप क्यों किया जाता है। गौरतलब है कि फडणवीस ने पवार पर जातीगत राजनीति का नही तो तुष्टीकरण की राजनीति का आरोप किया है। लेकिन पवार ने वोट बैंक की राजनीति पर कुछ जबाब नही दिया।
1. पहले ट्वीट में आंबेडकर जयंती का जिक्र करते हुए संविधान रचेयता की भूमिका के विपरीत धारा 370 के बारें में शरद पवार की भूमिका थी यह दिखा दिया है। वे कहते हैं कि, ‘हम डा. बाबासाहेब आबेडकर की जयंती मना रहें हैं जिन्होने संविधान में धारा 370 को संमिलित करने कहा विरोध किया था । लेकिन उनकी इच्छा और मूल्यों के विपरीत क्या कहा था देख लो ’- और धारा 370 हटाने के विरोध में शरद पवार के बयान का समाचार साथ में संदर्भ स्वरूप दिया है। (बिझनेस स्टॅडर्ड का समाचार)
2. ऐसे कई बयान हमने शरद पवार के सुने हैें जिनका जरा भी अचरज नही लगता. ये तुष्टीकरण की नीति और राजनीति तथा समाज को जातीय आधार पर बांटने की कवायद एनसीपी के विचारधारा के तहत है।
3. अपने ट्वीट मे नवाब मलिक का उदाहरण दे कर शरद पवार की तुष्टीकरण नीति पर प्रकाश डाला है। वे कहते हैं कि, ‘नवाब मलिक जब मनी लाँडरिंग के मामले में और दाऊद के गुर्गों के साथ संबंध होने से गिरफ्तार हो गए तब शरद पवार ने क्या कहा यह उदाहरण है। उन्होने कहा की केवल मुसलमान होने के कारण नवाब मलिक का संबंध दाऊद से जोडा जा रहा है’ (हिंदुस्थान टाईम्स का समाचार)
4. उन्होने इशरत जहां को निरपराध कहा था। ( न्यूज 18 का समचार )
5.केवल इशरत जहां को निरपराध करार देने तक बात रूकी नही थी. उनकी पार्टीै के नेताओं ने इशरत जहां के घर को मदद दी थी।
(इंड्यिा टुडे का समाचार)
6 2012 में रझा अकादमी के रॅली में आझाद मैदान पर अमर जवान ज्योत तोडने का काम हुआ था और शर्मनाक हरकते की गयी थी तब एनसीपी के पास गृहमंत्रालय होते हुए उन्होने कारवाई करने के बजाए पुलिस आयुक्त पर ठिकरा फोडा था।
7. संविधान में प्रावधान न होने पर भी महाराष्ट्र में एनसीपी की सरकार थी तब मुस्लिमों को 5 प्रतिशत आरक्षण दे कर वोट र्बैक के तुष्टीकरण की राजनीति की गयी। (इंडिया टुडे का समाचार)
8. चुनाव में किसको हराना अल्पसंख्यक तय करतें हैं ऐसा कह कर शरद पवार ने हमारी राजनीति में बांटने की राजनीति का परिचय दिया था। ( डेक्कन हेराल्ड का समाचार)
9. हिंदू दहशतवाद शब्द का प्रयोग सबसे पहले शरद पवार ने किया था। ( जागरण का समाचार)
10. राजनीतिक पक्ष सुधार को अपनाने को कहे तो आदर्श विचार रहता लेकिन वे तो पहले सच्चर कमिटी का अंमल सबसे पहले चाहते हैं। ( फर्स्ट पोस्ट डाट काम का समाचार)
11. मुंबई में 1993 के बम विस्फोट में 12 बम फुटे थे मगर शरद पवार ने जानबूझ कर 13 वा जादा विस्फोट मुस्लिम बहुल इलाके में होने की झूठी बात फैला दी। ( इंडिया टुडे का समाचार)
12. दोहरे मापदंड. कश्मीर फाईल्स फिल्म सत्य घटनाओं पर आधारित होते हुए भी वे इससे बिगडे क्यों हैं ? क्या इसलिए की यह फिल्म उनके सेक्युलर अजेंडे से मेल नही खाती ?
13 कश्मीर फाईल्स फिल्म किसी समुदाय के खिलाफ नही है। वह उनके खिलाफ है कि जिन्होने लोगों को पीडा देनेवाले सत्य से अपना मुँह इसलिए फेर लिया था कि वैसा करना उनके सेक्युलर अजेंडे को अनुकूल था।
14 इनकी ऐसी क्रिया और दृष्टीकोन समाज का सद्भाव बिगाडनेवाला है और डा. बाबासाहेब आंबेडकर के भारत में यह कतई स्विकारार्ह नही।
इस विषय पर शिवसेना के प्रवक्ता और सांसद संजय राऊत ने कहा कि ऐसे प्रयासों से कुछ होनेवाला नही। हमारी सरकार अगले 25 साल तक चलेगी। ऐसी कोशिशे नाकाम साबित होगी। महाराष्ट्र के गृहमंत्री और एनसीपी के नेता दिलीप वलसे पाटील ने फडणवीस के ट्वीट पर कहा कि शरद पवार पर आलोचना करना यह आदत हो चुकी है। ऐसी आलोचना को गंभीरता से नही लेते। इस का कोई फायदा नही होगा। शरद पवार का दाऊद से संबंध जोडने की कोशिशे भाजपाद्वारा बारबार होती रही हैं। ना पवार का और ना नबाब मलिक का दाऊद से कोई संबंध है।
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