किसी भी इलाके में उपभोक्ताओं को बेहतर मोबाइल सिग्नल देने का काम जगह–जगह लगे मोबाइल टावर करते हैं। मेरठ पुलिस ने अपराधियों के ऐसे समूह पर शिकंजा कसा है, जो जियो, वोडाफोन, एयरटेल आदि टेलीकॉम कंपनियों के मोबाइल टावरों से बेशकीमती उपकरण चुराकर कबाड़ियों को 180 रुपए प्रति किलो के भाव में बेच देते थे। पकड़े गए अपराधियों में शहजाद, महताब, शोएब, जहीर और आजाद शामिल हैं। उनसे करोड़ों के उपकरण बरामद हुए हैं।
मेरठ के पुलिस प्रवक्ता ने बताया की थाना परतापुर और सर्विलांस टीम की संयुक्त कार्रवाई में बड़ी सफलता हासिल हुई है। बरामद उपकरणों में जियो/एयरटेल/वोडाफोन/इन्डस कम्पनी के मोबाइल टावरों से चुराए गए बहुमूल्य RRH, BTS, सिपरी जम्फर, बैट्ररी सैल एवं केबल आदि शामिल हैं। अभियुक्त आजाद, शौएब, जहीर चोरी के उपकरण बेचने के लिये कबाड़ी मेहताब व शहजाद के पास ले जा रहे थे। निशानदेही पर मेहताब कबाड़ी और शहजाद भी दबोच लिए गए। सभी शातिर चोर हैं और वेस्ट यूपी से दिल्ली–एनसीआर तक वारदातें करते हैं। अभियुक्त जहीर पूर्व में जनपद नोएडा से टावर चोरी में जेल भी जा चुका है। जाहिर एवं आजाद पहले मोबाइल टावर इन्स्टांलेशन का करते थे और बाद में उपकरण चोरी करने लगे। RRH, BTS सिपरी जम्फर, बैट्ररी सैल, डुपलैक्सर आदि जिनके प्रत्येक पीस की कीमत लाखों मे होती है, उनको कटवाकर कबाड़ में बेच देते थे। कई साल से वारदातें कर रहे थे।
जियो के मैनेजर ने पुलिस को अपनी कम्पनी के बरामद सामान की कीमत लगभग 1 करोड़ बतायी है। इससे अधिक का सामान वोडाफोन और एयरटेल कम्पनी का है, जिनके नये पार्ट का कुल मुल्य लगभग 2.5 करोड़ रुपये से अधिक है। अभी गिरोह के आशू हनीफ, इंतजार फरार हैं, जिनकी तलाश में दबिशें जारी हैं।
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