राजधानी में प्रदेश कांग्रेस के नए अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष को लेकर कांग्रेस में विद्रोह होने के आसार दिखाई दे रहे है। जानकारी के मुताबिक कांग्रेस के 19 विधायकों में से 10 ने बगावत का बिगुल बजा रहे है। कांग्रेस हाई कमान ने रानीखेत से हारे हुए विधायक करन मेहरा को नया प्रदेश अध्यक्ष बना दिया जबकिं छह माह पहले ही गणेश गोदियाल को अध्यक्ष बना कर उनकी अगुवाई में चुनाव लड़ा गया था। कांग्रेस ने पूर्व पार्टी अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष रहे प्रीतम सिंह को भी हटा कर ,बीजेपी से कांग्रेस में आये दलित नेता यशपाल आर्य को नेता विरोधी दल बना दिया। इनके साथ सीएम धामी को हराने वाले भुवन कापड़ी को उपनेता प्रतिपक्ष बनाया गया है।
इन दोनों की नियुक्ति होते ही कांग्रेस के अंदर भूचाल सा आगया। द्वाराहाट विधायक मदन बिष्ट, धारचूला विधायक हरीश धामी और पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने खुलकर राज्य कांग्रेस के प्रभारी देवेन्द्र यादव पर गम्भीर आरोप लगाए और इस्तीफे देने की धमकी भी दी। कांग्रेस ने तीनों मनोनयन कुमायूँ से किये इससे गढ़वाल के विधायक और बड़े नेताओं में नाराजगी और भी बढ़ गयी।
पार्टी प्रभारी देवेन्द्र यादव ने राज्य के बड़े नेताओं को पार्टी में गुटबाजी के लिए जिम्मेदार ठहराया जिसपर वरिष्ठ नेता प्रीतम सिंह ने उल्टा श्री यादव पर गुटबाजी फैलाने के आरोप लगाते हुए कांग्रेस की राज्य में हार का ठीकरा उनके सर फोड़ दिया। खबर है कि कांग्रेस के दस विधायको का गुट कांग्रेस में बगावत कर चुका है। ऐसा बताया जा रहा है कि ये गुट बीजेपी के संपर्क में भी है। ऐसा संकेत तब मिला जब कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक प्रीतम सिंह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मिले, इसके बाद धारचूला विधायक हरीश धामी ने भी पुष्कर सिंह धामी के लिए अपनी सीट छोड़ने की बात कही, उन्होंने ये भी कहा कि अब वो कांग्रेस में नही रह पाएंगे।
खबर है कि आज देर रात कांग्रेस के नाराज दस विधायको की बैठक देहरादून में होने जारही है। इनमें खुशाल अधिकारी, ममता राकेश, मयूख महर, मनोज तिवारी, मदन बिष्ट, विक्रम नेगी, राजेन्द्र भंडारी, प्रीतम सिंह और हरीश धामी के नामों की चर्चा है। उधर कांग्रेस के नए अध्यक्ष करन मेहरा का कहना है कि पार्टी में सबकुछ ठीक है सबसे बात हो रही है।
कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह और कांग्रेस नेता हरीश रावत सहित अन्य नेताओं से मुलाकात कर मीडिया को ये संदेश देने की कोशिश की है कि सब कुछ ठीक है, लेकिन आज कांग्रेस में विद्रोह के स्वर और तेज़ हो गए। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को अपना उपचुनाव लड़ना है, पहले बीजेपी के छह विधायको ने उनके लिए अपनी सीट छोड़ने की पेशकश की थी अब कांग्रेस के विधायक भी उनके लिए अपनी सीट छोड़ने के लिए आतुर दिख रहे है।
कांग्रेस में जिस तरह से बगावत के स्वर उठ रहे है उसे देख ऐसा लग रहा है कि एक दो दिन में कांग्रेस के बागी विधायक अपना खेमा कहीं पार्टी लाइन सेब अलग होकर न बना लें। उधर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत दिल्ली गए है।माना जारहा है कि वो हाई कमान से विधायको की नाराजगी की चर्चा करेंगे।लेकिन राजनीतिक समीक्षक ये भी मानते है कि तीनों नई नियुक्तियों में श्री रावत के करीबी है इसलिए उनके खिलाफ भी विधायकों में असंतोष सामने आरहा है। बरहाल कांग्रेस उत्तराखंड में फिर से पतन के दौर में जाती दिखाई दे रही है।
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