महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने मस्जिदों में लाउडस्पीकर के मुद्दे पर उद्धव सरकार को अल्टीमेटम दिया है। राज ठाकरे ने कहा है कि महाराष्ट्र में 3 मई तक मस्जिदों में लाउडस्पीकर बंद होने चाहिए वरना हम स्पीकर पर हनुमान चालीसा बजाएंगे। यह एक सामाजिक मुद्दा है, धार्मिक नहीं। मैं राज्य सरकार से कहना चाहता हूं, हम इस विषय पर पीछे नहीं हटेंगे, आप जो करना चाहते हैं वह करें।
इससे पहले भी मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने महराष्ट्र सरकार को चेतावनी दी थी। उन्होंने यह भी कहा था कि वह किसी विशेष समुदाय की प्रार्थना के खिलाफ नहीं है, लेकिन उन्हें सिर्फ अपने धर्म पर ही गर्व है।
वहीं, रामनवमी के मौके पर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने शिवसेना भवन के बाहर लाउडस्पीकर लगाकर हनुमान चालीसा बजाया। हालांकि कुछ ही देर बाद पुलिस शिवसेना भवन पहुंची और इसे बंद करवा दिया। बताया जा रहा है कि पुलिस ने उस गाड़ी को भी जब्त कर लिया, जिस पर लाउडस्पीकर लगाकर हनुमान चालीसा का पाठ पढ़ा जा रहा था।
कर्नाटक में 250 मस्जिदों को भेजा गया नोटिस, अजान की आवाज करें धीमे
कर्नाटक में ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए स्थानीय पुलिस प्रशासन ने मस्जिद और अन्य धार्मिक स्थलों समेत पबों को भी नोटिस भेजा है। इस नोटिस में निर्धारित डेसिबल स्तर के साथ ही लाउडस्पीकर का उपयोग करने को कहा गया है। कई लोगों और संगठनों ने मस्जिद से अजान के समय होने वाले ध्वनि प्रदूषण को लेकर आपत्ति दर्ज कराई थी और कहा था कि इससे आसपास रहने वाले लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ता है , जिसके बाद बेंगलुरु की स्थानीय पुलिस ने यह आदेश जारी किया है।
बेंगलुरु में 250 मस्जिद के साथ ही 83 मंदिर, 22 चर्च, पब और बार सहित 59 व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को प्रतिबंधित घंटों के दौरान लाउडस्पीकर का उपयोग करने या 60 डेसिबल की ध्वनि स्तर की सीमा को पार न करने के लिए नोटिस जारी किया है। कर्नाटक के पुलिस महानिदेशक प्रवीण सूद ने राज्य के सभी पुलिस कमिश्नर, पुलिस महानिरीक्षकों और पुलिस अधीक्षकों को धार्मिक स्थानों, पब, नाइट क्लब और अन्य संस्थानों के अलावा समारोहों में ध्वनि प्रदूषण संबंधी नियमों के उल्लंघन की जाँच करने का निर्देश दिया है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई से जब इस बाबत सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि “यह उच्च न्यायालय का आदेश है। इसे बलपूर्वक लागू नहीं किया जा रहा है। पुलिस थानों से लेकर जिला स्तर तक संगठनों के साथ बैठक कर सब कुछ करना है।” मुख्यमंत्री ने कहा कि “आप सभी जानते हैं , ये मुद्दे पुराने हैं। आदेश 2001 और 2002 में जारी किए गए थे। हमने कोई नया आदेश जारी नहीं किया है। हाईकोर्ट के आदेश में डेसिबल स्तर को बनाए रखने के बारे में भी स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया था। जिला स्तर पर डेसीबल मीटर खरीदने के आदेश जारी कर दिए गए हैं।”
इस नोटिस के बाद बेंगलुरु के जामिया मस्जिद के इमाम मोहम्मद एम इमरान रश्दी का भी बयान सामने आया है। रश्दी ने कहा कि “हमने आवश्यकतानुसार ध्वनि को नियंत्रित करने वाले उपकरण की व्यवस्था कर ली है, जो है, ताकि कोई समस्या उत्पन्न न हो। हम नोटिस का पालन करेंगे। इसी तरह मंदिरों को भी पालन करना चाहिए।”
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