देश में सबसे ज्यादा वायु प्रदूषण मेरठ शहर में दर्ज किया गया है। 125 शहरों में वायु प्रदूषण का स्तर जांच रही केंद्रीय एजेंसियों ने बागपत को दूसरे स्थान पर रखा है। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों यूएन की एक रिपोर्ट में मुरादाबाद को दुनिया का सबसे ध्वनि प्रदूषित शहर घोषित किया था।
देश ही नहीं दुनिया में सबसे ज्यादा हवा में गंदगी के लिए एनसीआर और उसके आसपास के शहरों को माना जाता है। मेरठ में एयर क्वालिटी इंडेक्स 364 तक जा पहुंचा है, जबकि 300 इंडेक्स को रहने लायक नहीं माना जाता। पड़ोस के जिले बागपत में भी एयर क्वालटी इंडेक्स 322 दर्ज हुआ है। गाजियाबाद में 307, मुजफ्फरनगर में 306, ग्रेटर नोएडा में 271 और नोएडा में 250 एयर क्वालिटी इंडेक्स दर्ज किया गया है।
मेरठ, बागपत में वायु प्रदूषण की वजह उद्योग और सड़क परियोजनाओं में चल रहा काम बताया जा रहा है। पिछले दिनों विश्व व्यापी सर्वे में सयुंक्त राष्ट्र संघ की एक रिपोर्ट में मुरादाबाद को दुनिया का सबसे ज्यादा ध्वनि प्रदूषित शहर बताया गया था, जबकि ढाका दूसरे स्थान पर था। पीतल और अन्य उद्योगों की वजह से मुरादाबाद में प्रदूषण का स्तर सम्भवतः ज्यादा आया है।
बहरहाल एनसीआर में जिस तरह से प्रदूषण बढ़ रहा है उसका असर जलवायु पर भी पड़ेगा। पद्म विभूषण वैज्ञानिक स्वर्गीय खड़क सिंह वल्दिया ने कहा था कि एनसीआर में जो प्रदूषण से गैस बनती है वो मानसून की पश्चिम हवाओं के साथ हिमालय से टकराती है जिसकी वजह से पहाड़ों में अतिव्रष्टि या बादल फटने की घटनाएं बढ़ रही हैं। इसलिए यहां प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए ठोस उपाय करना जरूरी है।
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