विज्ञान, गणित और तकनीक की शिक्षा क्यों जरूरी
July 25, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

विज्ञान, गणित और तकनीक की शिक्षा क्यों जरूरी

भारत ग्रेजुएट तैयार करने वालों देशों में शीर्ष पर है परंतु ये ग्रेजुएट बाजार की मांग के अनुरूप कौशल नहीं रखते। इससे निपटने के लिए गांवों और कस्बों में वैज्ञानिक मानसिकता और मनोवृत्ति को बढ़ावा देने की जरूरत

by बालेन्दु शर्मा दाधीच
Apr 12, 2022, 06:30 pm IST
in भारत, विज्ञान और तकनीक

आर्थिक सहयोग और विकास संगठन समय-समय पर एक सर्वे कराता है जिसका नाम है-मानवशक्ति प्रतिभा अभाव सर्वेक्षण। इसके तहत दस या दस से ज्यादा कर्मचारियों वाले संस्थानों, कंपनियों और फर्मों से यह पूछा जाता है कि उन्हें अपनी जरूरत के लिहाज से कुशल कर्मचारी मिल रहे हैं या नहीं। इसके आधार पर एक सूची बनाई जाती है कि किन देशों में कुशल कर्मचारियों की सबसे ज्यादा कमी है।

सन् 2018 के सर्वे के अनुसार भारत कौशल का सबसे ज्यादा संकट झेल रहे देशों की सूची में चौथे नंबर पर था। तब भारत के 56 प्रतिशत संस्थानों ने कहा था कि उन्हें अपनी जरूरत के लिहाज से कुशल कर्मचारी नहीं मिल रहे। दूसरी तरफ ग्रेजुएटों की संख्या के लिहाज से भारत दुनिया का शीर्ष देश है। फिर भी कंपनियां कह रही हैं कि उन्हें सही उम्मीदवार नहीं मिल रहे। क्यों? हम ग्रेजुएट तो बहुत सारे तैयार कर रहे हैं लेकिन उन क्षेत्रों में नहीं, जहां देश को ज्यादा कर्मचारियों की जरूरत है। ऐसे ग्रेजुएट नहीं जिनके पास वह दक्षता हो जिन्हें बाजार तलाश रहा है। यह विरोधाभास गहन चिंतन की मांग करता है क्योंकि यह देश के भविष्य से जुड़ा मुद्दा है, जो उसके युवाओं की उत्पादकता पर निर्भर करता है।

मांग ज्यादातर सर्विस सेक्टर और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर से आ रही है,जो पिछले कुछ साल से सरकार और निजी क्षेत्र, दोनों के रडार पर हैं। डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया आदि से आप अपरिचित नहीं हैं। हमारे ग्रेजुएट इन क्षेत्रों की मांग पूरी करने के लिए पूरी तरह कौशल प्राप्त नहीं हैं। इनमें इंजीनियरिंग ग्रेजुएट भी शामिल हैं। इन ग्रेजुएटों में एक बड़ी संख्या हिंदी और दूसरी भारतीय भाषाएं बोलने वालों की है। अंग्रेजी में प्रवीणता रखने वालों के साथ उतनी बड़ी समस्या नहीं है लेकिन भारतीय भाषाओं की पृष्ठभूमि से आने वालों के बीच जागरूकता अपेक्षाकृत कम है।

वैज्ञानिक मानसिकता और मनोवृत्ति को बढ़ावा देने की जरूरत है क्योंकि उसके बिना देश में बड़े पैमाने पर नवाचार का सिलसिला शुरू नहीं हो सकता। न ही स्टार्टअप और छोटे-बड़े कारोबारों की आंधी आ सकती है। साथ ही दुनिया भर से आ रही मांग को पूरा करने की हमारी क्षमताओं में भी तब तक विशेष बढ़ोतरी नहीं होगी,

मैंने अपने अनुभव और अध्ययन में यही पाया है कि हम हिंदी तथा स्थानीय भाषा भाषी लोग उन क्षेत्रों में कम जाते हैं जो आज रोजगार के ज्यादा मौके पैदा कर रहे हैं और जो भविष्य में भी ऐसा करते रहेंगे। ये दूसरी नौकरियों की तुलना में आमदनी भी बहुत अधिक देते हैं। लेकिन फिर भी, हमारी प्राथमिकता में ये नौकरियां और ये कारोबार नहीं हैं। इसकी एक वजह तो आर्थिक है। हिंदीभाषी मध्य और निम्न मध्य परिवारों के लोग अपने बच्चों को आधुनिक और उन्नत किस्म के पाठ्यक्रमों में दाखिला नहीं दिला पाते। दूसरी बाधा अंग्रेजी भाषा की है जिसका ज्ञान आधुनिक कौशल पाने के लिए काफी हद तक एक अनिवार्यता है। लेकिन तीसरी और ज्यादा गंभीर समस्या हमारी जागरूकता और मानसिकता की है। जिस तरह से हमारी दुनिया समृद्धों और अभावग्रस्तों के बीच बंटी है, उसी तरह से हमारी महत्वाकांक्षाओं के बीच भी अंतर है।

हमें गांवों और कस्बों में वैज्ञानिक मानसिकता और मनोवृत्ति को बढ़ावा देने की जरूरत है क्योंकि उसके बिना देश में बड़े पैमाने पर नवाचार का सिलसिला शुरू नहीं हो सकता। न ही स्टार्टअप और छोटे-बड़े कारोबारों की आंधी आ सकती है। साथ ही दुनिया भर से आ रही मांग को पूरा करने की हमारी क्षमताओं में भी तब तक विशेष बढ़ोतरी नहीं होगी, जब तक हम विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (एसटी ईएम) की पढ़ाई को बढ़ावा नहीं देंगे। और यह काम हमें अपनी भाषाओं में भी करना होगा।

आज इसके लिए बहुत अनुकूल समय है। एक तो सरकार की नीतियां अनुकूल हैं, दूसरे देश में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने और नए कारोबारी पैदा करने की दिशा में संकल्प दिखाई दे रहा है। तीसरे, दुनिया भर में हार्डवेयर क्षेत्र में ऐसी कई चीजों की कमी चल रही है जिनका भारत अपने यहां उत्पादन कर सकता है-जैसे माइक्रोप्रॉसेसर। मैन्यूफैक्चरिंग या विनिर्माण में चीन दबाव में है और दुनिया को वैकल्पिक आपूर्तिकर्ताओं की तलाश है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का क्षेत्र भी तेजी से नई आर्थिक संभावनाएं पैदा कर रहा है और भारत को इनका लाभ उठाने के लिए सबसे अनुकूल देशों में माना जा सकता है। भारत आईटी क्षेत्र में दुनिया की बड़ी शक्ति तो है लेकिन हमारी ज्यादातर बढ़त बीपीओ और सेवा क्षेत्र में है। सॉफ्टवेयर विकास के क्षेत्र में भी हम अभी कोई बड़ी ताकत नहीं हैं जहां हमारे लिए एक मौका है, खासकर इसलिए कि हमारे यहां पढ़े-लिखे युवाओं की बहुत बड़ी संख्या है। हां, हमें उन्हें सही दिशा में प्रोत्साहित करने की जरूरत है।
(लेखक माइक्रोसॉफ़्ट में ‘निदेशक- भारतीय भाषाएं तथा सुगम्यता’ के पद पर कार्यरत विख्यात तकनीकविद् हैं)

Topics: मानवशक्ति प्रतिभा अभाव सर्वेक्षणआर्टिफिशियल इंटेलिजेंसवैज्ञानिक मानसिकतासरकार की नीतियांमाइक्रोसॉफ़्ट
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

डेटा में डटे भारत के कदम

माइक्रोसॉफ्ट के एआई सीईओ मुस्तफा सुलेमान के भाषण के बीच नारेबाजी करती  हिजाब पहने
 कर्मचारी इब्तिहाल अबूसाद

हमास और फिलिस्तीन समर्थकों ने Microsoft की 50वीं सालगिरह के रंग में डाला भंग, आंसू बहाए सेकुलर कर्मचारियों ने

माइक्रोसॉफ्ट कंपनी में छंटनी

इजरायल के साथ AI सौदे का विरोध करने पर माइक्रोसॉफ्ट ने कर्मचारियों को बैठक से हटाया, कहा- बात रखने को स्वतंत्र, पर…

AI से साइबर अपराध पर लगेगी लगाम : गृहमंत्री अमित शाह ने बताई सरकार की बड़ी योजना, आसानी से होगी म्यूल अकाउंट्स की पहचान

PM Narendra modi

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का सफलतापूर्वक उपयोग करने से परिवर्तनकारी बदलाव संभव : प्रधानमंत्री मोदी

विषय अच्छा तो वीडियो चैनल भी उत्तम

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

US Warn Iran to cooperate IAEA

अमेरिका की ईरान को चेतावनी: IAEA को परमाणु सहयोग दो या प्रतिबंध झेलो

बॉम्बे हाई कोर्ट

दरगाह गिराने का आदेश वापस नहीं होगा, बॉम्बे HC बोला- यह जमीन हड़पने का मामला; जानें अवैध कब्जे की पूरी कहानी

PM Modi meeting UK PM Keir Starmer in London

India UK Trade Deal: भारत और ब्रिटेन ने समग्र आर्थिक एवं व्यापारिक समझौते पर किए हस्ताक्षर, पढ़ें पूरी रिपोर्ट

भारतीय मजदूर संघ की एक रैली में जुटे कार्यकर्त्ता

भारतीय मजदूर संघ के 70 साल : भारत की आत्मा से जोड़ने वाली यात्रा

Punjab Drugs death

पंजाब: ड्रग्स के ओवरडोज से उजड़े घर, 2 युवकों की मौत, AAP सरकार का दावा हवा-हवाई

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उधमसिंह नगर जिले में मां के साथ मतदान किया।

उत्तराखंड: पंचायत चुनाव का पहला चरण, लगभग 62 प्रतिशत हुई वोटिंग, मां के साथ मतदान करने पहुंचे सीएम धामी

संत चिन्मय ब्रह्मचारी को बांग्लादेश में किया गया है गिरफ्तार

हिंदू संत चिन्मय ब्रह्मचारी को नहीं मिली जमानत, 8 महीने से हैं बांग्लादेश की जेल में

आरोपी मोहम्मद कासिम

मेरठ: हिंदू बताकर शिव मंदिर में बना पुजारी, असल में निकला मौलवी का बेटा मोहम्मद कासिम; हुआ गिरफ्तार

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटिश पीएम कीर स्टार्मर

India UK FTA: भारत-ब्रिटेन ने मुक्त व्यापार समझौते पर किए हस्ताक्षर, जानिये इस डील की बड़ी बातें

बांग्लादेश के पूर्व चीफ जस्टिस खैरुल हक।

बांग्लादेश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एबीएम खैरुल हक गिरफ्तार, शेख हसीना के थे करीबी

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • जीवनशैली
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies