झारखंड के हजारीबाग जिले में एक कस्बा है चौपारण। यहां लगभग 75 प्रतिशत हिंदू और 25 प्रतिशत मुसलमान हैं। इसके बावजूद स्थानीय मुसलमान हिंदुओं को धमकी दे रहे हैं कि तुम्हें एक दिन यहां से भगा दिया जाएगा। इसका सबसे बड़ा कारण है राज्य सरकार की मुस्लिम तुष्टीकरण नीति। वे कुछ भी करते हैं, लेकिन कार्रवाई हिंदुओं के विरुद्ध होती है।
नया मामला एक घर पर किए गए कब्जे से जुड़ा है। यह घर है राजेश नामक एक व्यक्ति का। उनके नवनिर्मित भवन पर एक दबंग इमरान खान और उसके मामा तथा ताजपुर पंचायत के मुखिया शौकत अली खान उर्फ भट्टू खान ने कब्जा कर लिया है। राजेश के अनुसार जिस घर पर कब्जा किया गया है, उसके लिए नौ डिसमिल जमीन उनके पिता राजेंद्र प्रसाद वर्णवाल ने 2008 में अशोक जैन से खरीदी थी। 2020 में राजेश ने इस जमीन पर मकान बनवाया। उन्हीं दिनों राजेश की बगल में इमरान भी एक अस्पताल बनाने लगा। दोनों परिवारों में अच्छे संबंध थे। इस कारण इमरान ने सामान रखने के लिए राजेश से उनके घर की चाबी मांगी। बस यहीं राजेश से सबसे बड़ी गलती हो गई। अस्पताल बनने के बाद इमरान ने बहुत मुश्किल से राजेश को चाबी वापस की। इसके बाद राजेश अपने घर के अंदर गए तो वहां का नजारा देखकर दंग रह गए। इमरान ने अतिक्रमण कर रखा था। राजेश ने जब इसका विरोध किया तो इमरान ने कहा कि यह जमीन उसकी है।
इसके कुछ दिन बाद ही इमरान ने एक दिन ताला तोड़कर राजेश के घर पर कब्जा कर लिया। इसके साथ ही उसने उस घर को मनु पासवान नामक एक व्यक्ति को किराए पर दे दिया। इसके पीछे भी एक बड़ी साजिश है। चौपारण के सामाजिक कार्यकर्ता शेखर गुप्ता कहते हैं, ‘‘अक्सर ऐसा देखा जाता है कि कोई मुसलमान किसी हिंदू के घर पर कब्जा करके उसे किसी हिंदू, विशेषकर अनुसूचित जाति के किसी व्यक्ति को किराए पर दे देता है। ऐसा इसलिए किया जाता है कि यदि कोई मुकदमा हो तो उसमें अनुसूचित जाति की धाराएं लग जाएं और दोनों हिंदू लड़ते रहें। इसलिए इमरान ने उस घर को मनु पासवान को किराए पर दे दिया।’’ राजेश ने इसका विरोध किया तो इमरान ने कहा, ‘‘ज्यादा करोगे तो एक दिन चौपारण से भी हिुंदओं को उसी तरह भगा दिया जाएगा जैसे कैराना और कश्मीर से भगाए गए हो।’’
फिर राजेश ने अपने घर से कब्जा हटवाने के लिए स्थानीय विधायक से लेकर प्रशासन से भी मदद मांगी, लेकिन किसी ने उनकी मदद नहीं की। हताश राजेश ने इसकी शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय से की। प्रधानमंत्री कार्यालय के निर्देश पर चौपारण के अंचलाधिकारी ने पूरे मामले की जांच की। अंचलाधिकारी ने माना कि इमरान खान (पिता महमूद खान) ने राजेश के घर का ताला जबरन तोड़ा है। अंचलाधिकारी ने 18 फरवरी, 2022 को अनुमंडल पदाधिकारी पूनम कुजूर को लिखे अपने पत्र में राजेश को उस घर पर कब्जा दिलाने की सिफारिश की है। लगभग दो महीने बीतने के बाद भी अनुमंडल पदाधिकारी ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की है। कार्रवाई क्यों नहीं हुई? इस पर पूनम कुजूर कहती हैं, ‘‘मैंने अभी तक इस मामले को देखा नहीं है।’’
वहीं राजेश का कहना है कि वे कई बार अनुमंडल कार्यालय गए और कब्जा दिलाने का आग्रह किया, लेकिन वहां के एक लिपिक सीताराम प्रसाद ने कहा, ‘‘कुछ पैसे दो, तभी काम होगा।’’
अब आप इसके पीछे छिपे अर्थ को समझ गए होंगे।
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