मेरठ में बसपा नेता और मायावती सरकार में मंत्री रहे हाजी याकूब कुरैशी के खिलाफ कोर्ट से गैर जमानती वारंट जारी हो गया है। पुलिस ने कुरैशी की तलाश में जगह-जगह दबिश दे रही है। मेरठ के एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने बताया कि मीट फैक्ट्री और बिना लाइसेंस हॉस्पिटल चलाने के मामले में पुलिस ने जो मामले दर्ज किए हैं, उसमे हाजी याकूब कुरैशी को नोटिस दिए गए थे, लेकिन नोटिस उनके व उनके परिवार के किसी सदस्य द्वारा प्राप्त नहीं किए गए। जिसके बाद एसीजेएम कोर्ट से पुलिस को गैर जमानती वारंट जारी हो गया है।
पुलिस की आठ टीमें याकूब उनके दो बेटों और अन्य की गिरफ्तारी के लिए गठित की गई हैं। पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए कई जगह दबिश दे चुकी है, परंतु वे परिवार सहित फरार हैं। एसएसपी चौधरी ने बताया कि याकूब कुरैशी पर 420, 269, 270, 272, 273 व 120 बी के तहत मामला दर्ज है और उन पर अब गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई करने की फ़ाइल तैयार की जा रही है।
हाजी याकूब कुरैशी और उनके बेटे फिरोज और इमरान पर चोरी छिपे मीट फैक्ट्री चलाने के आरोप है। यह मीट फैक्ट्री 2017 में सील की गई थी और तब कुरैशी ने अदालत में शपथ पत्र देकर वहां रखा स्टॉक खत्म करने और उसके बाद ये कारोबार नहीं करने की बात कही थी। बावजूद इसके 2022 में 31 मार्च को उसी फैक्ट्री में 5 करोड़ का मांस मिला। दो दिन बाद उनके सिटी माय हॉस्पिटल को भी बिना सीएमओ की स्वीकृति से चलता पाया गया और उसे भी सील कर दिया गया। प्रशासनिक तौर पर हाजी याकूब कुरैशी के खिलाफ मेरठ विकास प्राधिकरण, खाद्य विभाग, सहित कुल सात विभागों ने जांच कर अपनी रिपोर्ट जिलाधिकारी मेरठ को सौंप दी है। माना जा रहा है एक दो दिन में ही उनके गैर कानूनी इमारतों पर बुलडोजर चल जाएगा।
जानकारी मिली है उनके अस्पताल की चार मंजिल बिना नक्शा पास करवाए बनाई गई है। अस्पताल प्रबन्धकों को इन मंजिलों से सामान निकालने का नोटिस वहां दीवार पर चस्पा कर दिया गया है। बता दें कि बसपा नेता याकूब कुरैशी कभी अपने पिता के साथ गुड़ का कारोबार किया करता था। 1995 से उसने राजनीति में कदम रखा, पार्षद और फिर निगम का वाईस चैयरमैन बना, बसपा से विधायक बनके मायावती सरकार में राज्य मंत्री बनकर सत्ता में अपनी धमक बनाई, सांसद का चुनाव भी लड़ा परन्तु हार गया।
याकूब कुरैशी वही शख्स है जो कि डेनमार्क में पैगम्बर के कार्टून विवाद में सुर्खियां बटोर रहा था, जिसमें उसके द्वारा कार्टून बनाने वाले का सर कलम के बदले 54 करोड़ का इनाम घोषित किया था। आज वही याकूब कुरैशी खुद पुलिस से बचता फिर रहा है। जिसके पीछे मेरठ पुलिस की आठ टीमें, साइबर सर्विलांस टीमें लगी हुई हैं।
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