राज्यपाल गुरमीत सिंह सेना में लेफ्टिनेंट जनरल रह चुके हैं, इसलिए वो उत्तराखंड जैसे सैनिक बाहुल्य राज्य के सैनिक परिवारों की चिंता करने लगे हैं। आज उन्होंने एक महत्वपूर्ण बैठक कर पूर्व सैनिकों के कल्याण योजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि सैनिक बाहुल्य राज्य उत्तराखंड में सैनिक और उनके आश्रितों के कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता मिलनी चाहिए।
राज्यपाल ने गुरुवार को राजभवन में उत्तराखंड सैनिक पुनर्वास संस्था की बैठक ली, जहां उन्होंने कहा कि सैनिक पुनर्वास संस्था को राज्य में एक प्रभावी विजन, मिशन और सोच के साथ कार्य करना होगा। संस्था को स्व-उत्तरदायित्व के अगले स्तर पर पहुंचना होगा। राज्यपाल गुरमीत सिंह ने प्रमुख सचिव सैनिक कल्याण एल फैनई तथा अन्य संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि उत्तराखंड सैनिक पुनर्वास संस्था के लाभार्थियों जिनमें पूर्व सैनिक, वीर नारियां, सैनिक आश्रित और दिव्यांग सैनिक सम्मिलित हैं। इनके पर्याप्त आंकड़े डिजिटल रूप से उपलब्ध करवाए जाएं।
राज्यपाल ने कहा कि सैनिक पुनर्वास संस्था की एआई इनेबल्ड एंड्राइड मोबाइल बेस्ड पोर्टल और वेबसाइट विकसित की जाए, ताकि पूर्व सैनिकों, उनके आश्रितों का संपर्क सरलता से संस्था से हो सके। उन्होंने कहा कि वीरता पुरस्कार प्राप्त करने वाले सैनिकों, भूतपूर्व सैनिकों और उनके परिवारों की समस्याओं का समाधान प्राथमिकता के आधार पर किया जाए। इसके साथ ही राज्यपाल ने शहीदों की विधवाओं के कल्याण और पुनर्वास पर विशेष बल देने की बात कही। राज्यपाल ने राज्य के समस्त दिव्यांग भूतपूर्व सैनिकों को राजभवन की ओर से प्रति सैनिक 5001 रुपए की प्रोत्साहन राशि प्रदान किए जाने हेतु सचिव डॉ रंजीत कुमार सिन्हा को निर्देश दिए।
राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखंड सैनिक पुनर्वास संस्था का पूर्णतः आधुनिकीकरण किया जाना चाहिए। उन्होंने संस्था को निर्देश दिए कि राज्य के प्रत्येक जनपद में सेना में भर्ती हेतु प्रशिक्षण केंद्र खोलने के प्रयास किए जाएं। इसके लिए तात्कालिक रूप से विद्यालयों के खेल मैदानों का प्रयोग किया जा सकता है। राज्यपाल ने कहा कि सैनिक पुनर्वास संस्था को प्रयास करने होंगे कि राज्य के बहुसंख्यक भूतपूर्व सैनिकों की राज्य में जैविक खेती, नेचुरल फार्मिंग, फॉरेस्टेशन, सीमांत क्षेत्रों में रिवर्स पलायन में किस प्रकार गेमचेंजर की भूमिका हो सकती है। उन्होंने कहा कि भूतपूर्व सैनिकों की बेटियों की एनडीए, सैनिक सेवाओं तथा अन्य प्रतिष्ठित केंद्रीय व राज्य सरकार की सेवाओं में किस प्रकार भागीदारी बढ़े इसके लिए सैनिक पुनर्वास संस्था को भी प्रयास करने होंगे।
राज्यपाल ने सैनिकों के कल्याण के लिए केंद्र सरकार, राज्य सरकार, सैनिक पुनर्वास संस्था द्वारा संचालित योजनाओं के समन्वय की बात कही। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा आरंभ की जा रही हिम प्रहरी योजना में सैनिक पुनर्वास संस्था क्या योगदान दे सकती है इस पर विचार किया जाए। राज्यपाल शीघ्र ही उत्तराखंड सैनिक पुनर्वास संस्था की कृषि भूमियों का निरीक्षण करेंगे। राज्यपाल ने कहा कि संस्था की 1423 एकड़ भूमि का अधिकतम सदुपयोग किया जाना चाहिए। इन पर एरोमेटिक, मेडिसिनल हर्बस, ऑर्गेनिक फार्मिंग को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। राज्यपाल ने इस पर एक ठोस कार्य योजना बनाने के निर्देश अधिकारियों को दिए। इस अवसर पर प्रमुख सचिव एल फैनई, राज्यपाल के सचिव डॉ रंजीत कुमार सिन्हा, अपर सचिव स्वाति एस भदौरिया, वित्त नियंत्रक राजभवन डॉ तृप्ति श्रीवास्तव और उत्तराखंड सैनिक पुनर्वास संस्था के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
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