उत्तर प्रदेश में सूख चुके कुएं फिर पानी से भरेंगे। तालाबों को पुनर्जीवित कर उनके किनारे ग्राम वन स्थापित किये जाने की योजना बनाई गई है। गोमती नदी की 22 सहायक नदियों में से सूख चुकी 19 सहायक नदियों को भी नया जीवन प्रदान किया जाएगा। 6 अप्रैल से शुरू होने वाला यह अभियान प्रदेश भर में 3 मई तक चलेगा।
इस दौरान पीपल, बरगद, पाकड़, गूलर और आम के पौधे नदियों के किनारे लगाये जायेंगे। कुओं की सफाई की जाएगी। उनके अंदर बरसात का पानी वापस जा सके इसकी व्यवस्था की जाएगी। तालाबों के किनारे ग्राम वन बनाकर वहां उपयोगी और औषधीय पौधे लगाना भी ग्राम वासियों को सिखाया जाएगा।
बता दें कि नमामि गंगे विभाग के सहयोग से लोक भारती 6 अप्रैल से नदी एवं जल स्रोत संरक्षण अभियान की शुरुआत फतेहपुर से करने जा रहा है। नदियों की स्वच्छता एवं शपथ का कार्यक्रम ओम घाट ब्लाक भिटौरा में किया जाएगा। 7 अप्रैल को यह आयोजन जल स्त्रोत उत्सव के रूप में लखीमपुर खीरी में कठिना नदी भूईया देव घाट बिहारीपुर में आयोजित किया जाएगा। इसी तरह से प्रदेश भर में विलुप्त हो चुकी नदियों के किनारे बसे गांवों में आयोजन करने की योजना तैयार की गई है।
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