जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले के गूल इलाके में रोहिंग्या शरणार्थियों ने अब इस्लाम का प्रचार करने की खबरें आ रही हैं। शुक्रवार को पुलिस ने जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित जिला रामबन के गूल इलाके से तब्लीगी जमात के साथ इस्लाम का प्रचार करते 12 रोहिंग्या शरणार्थियों (मुस्लिमों) को गिरफ्तार किया है। सुरक्षा एजेंसियां इस घटना को हल्के में नहीं ले रही हैं और इस पूरे मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
जानकारी के अनुसार गूल के पास संगलदान दार इलाके में तीन दिन पहले एक तब्लीगी जमात के साथ रोहिंग्या पहुंचे थे। तब्लीगी जमात ने वहां स्थानीय लोगों के साथ संपर्क करते हुए अपना प्रचार शुरू किया। स्थानीय मस्जिदों और मदरसों में मजहबी मजलिसों का आयोजन किया जा रहा था। इसी दौरान कुछ लोगों को रोहिंग्या की तब्लीगी जमात में मौजूदगी को लेकर कुछ संदेह हुआ। लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी।
जानकारी मिलते ही पुलिस तुरंत हरकत में आई और तब्लीगी जमात में शामिल सभी 12 रोहिंग्या को गिरफ्तार कर लिया गया। इनकी पहचान अमीर हाकम, जफर आलम, मोहम्मद नूर, अबुल हसन, मोहम्मद आलम, नूर अमीन, नूर हुसैन, सईद हुसैन, मोहम्मद सलीम, मोहम्मद इस्माइल, कमाल हुसैन और मुस्तफा हुसैन के रूप में की गई है। पूछताछ के दौरान इनमें से कोई भी तब्लीगी जमात के साथ अपने संबंधों को लेकर कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया। पकड़े गए सभी रोहिंग्या बीते सात-आठ वर्ष से जम्मू के निकट भठींडी और नरवाल में रह रहे थे। संबंधित अधिकारियों ने बताया कि इन सभी को हीरानगर में बनाए गए होल्डिंग सेंटर में भेजा गया है।
जम्मू-कश्मीर में यह पहला मामला है कि जब किसी जगह रोहिंग्या शरणार्थी को पंथ प्रचारक बनकर घूमते हुए पकड़ा गया है। इस घटना के बाद जम्मू और उसके साथ सटे इलाकों में रह रहे रोहिंग्या शरणार्थियों की फिर से जांच शुरू कर दी गई है।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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