मोहम्मद वाहिद नामक एक मौलाना ने भूत उतारने के नाम पर एक हिंदू लड़की को पांच दिन तक अगरबत्ती से जलाया और बुरी तरह पीटा। प्रताड़ना के कारण लड़की की मानसिक स्थिति खराब हो गई है। इन दिनों लड़की का रांची में इलाज चल रहा है।
झारखंड के चतरा जिले के लावालौंग प्रखंड में एक मौलाना ने दरिंदगी की हद ही पार कर दी। एक हिन्दू नाबालिग बच्ची की तबीयत ठीक करने के नाम पर मोहम्मद वाहिद लगातार चार दिन तक उसके साथ अमानवीय व्यवहार करता रहा। भूत भगाने के नाम पर जलती हुई अगरबत्ती से नाबालिग के दोनों हाथों और शरीर के कई हिस्सों को जलाया। इसके बाद लड़की की मानसिक हालत बिगड़ गई जिसे बाद में रांची के एक अस्पताल में भेज दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि लावालौंग थाना क्षेत्र की कोलकोले पंचायत के संभे गांव की एक 14 वर्षीया नाबालिग बच्ची की तबीयत 19 मार्च को होली के दिन खराब हो गई थी। इसकी जानकारी जब मौलाना मोहम्मद वाहिद को हुई तो वह खुद बच्ची के घर पहुंचा और परिजनों से कहा कि बच्ची के शरीर पर भूत सवार हो चुका है। इसके साथ ही उसने परिजनों को यह यकीन दिला दिया कि वह दो दिन में उसकी तबीयत ठीक कर सकता है। परिजन मौलाना की बात पर भरोसा कर बच्ची को वाहिद के पास ले गए। उसके बाद वाहिद ने लड़की के साथ झाड़-फूंक के नाम पर हैवानियत का खेल शुरू कर दिया। भूत उतारने के नाम पर लड़की के साथ बेरहमी से मारपीट की और जलती हुई अगरबत्ती से बच्ची के चेहरे, होंठ और दोनों हाथों को जला दिया। यह घटनाक्रम चार—पांच दिन तक चलता रहा। अधिक प्रताड़ना के कारण बच्ची अपना मानसिक संतुलन खो बैठी। वह किसी से बातचीत भी नहीं कर पा रही है। बच्ची की हालत बिगड़ने के बाद उसके परिजन उसे चतरा के सदर अस्पताल ले गए, जहां चिकित्सकों ने जांच के बाद रांची भेज दिया है। अब रांची में उसका इलाज चल रहा है।
बच्ची के पिता का कहना है कि मौलाना के झांसे में आने की वजह से वह अपनी बच्ची को मौलाना के पास लेकर चले गए थे। अब बच्ची के परिजनों ने 30 मार्च को लिखित आवेदन देकर प्रशासन और सरकार से न्याय की गुहार लगाई है।
इस मामले में चतरा के ही समाजसेवी सतीश कुमार पांडे का कहना है कि जिहादी मानसिकता वाले फर्जी मौलानाओं पर चतरा प्रशासन को नकेल कसना चाहिए। वाहिद पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। ये लोग गरीब हिंदू लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करते हैं और आर्थिक से लेकर शारीरिक शोषण करने का प्रयास करते हैं। इसके साथ ही ये लोग समाज के बीच अंधविश्वास फैलाने का कार्य करते हैं और बाद में हिंदुओं को ही बदनाम करते हैं।
कुछ ग्रामीणों ने बताया कि बच्ची का परिवार काफी गरीब है। इसलिए उसके परिजन वाहिद के विरुद्ध प्रशासन से शिकायत करने की भी हिम्मत नहीं कर पा रहे थे। लेकिन स्थानीय हिन्दू कार्यकर्ताओं और ग्रामीणों की मदद से 30 मार्च को थाने में मौलाना के विरुद्ध आवेदन दे दिया गया है। अब पुलिस को इस तरह के लोगों पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।
इस मामले पर चतरा के पुलिस अधीक्षक राकेश रंजन ने बताया कि लड़की के परिजनों ने 30 मार्च को मामला दर्ज कराया है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हमारे समाज में अंधविश्वास की कोई जगह नहीं है। इस मामले पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी, साथ ही समाज में अंधविश्वास के खिलाफ जागरूकता फैलाने का भी काम किया जाएगा।
दस वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। राजनीति, सामाजिक और सम-सामायिक मुद्दों पर पैनी नजर। कर्मभूमि झारखंड।
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