झारखंड में जब से हेमंत सोरेन की सरकार बनी है, तब से राज्य में जिहादी तत्वों का दुस्साहस बढ़ गया है। एक ऐसे ही दुस्साहस का उदाहरण हजारीबाग के चौपारण में मिला है। दरअसल, चौपारण के निवासी राजेश के नवनिर्मित भवन पर वहां के एक दबंग इमरान खान और उसके मामा तथा ताजपुर पंचायत का मुखिया शौकत अली खान उर्फ भट्टू खान ने कब्जा कर लिया है। राजेश अपने मकान से कब्जा हटवाने की कोशिश में लगे हैं, लेकिन इमरान और शौकत उन्हें तरह—तरह की धमकी दे रहे हैं। दुर्भाग्य से स्थानीय प्रशासन का रवैया भी ठीक नहीं है। प्रधानमंत्री कार्यालय के निर्देश पर मामले की जांच की गई और उसमें पाया गया है कि घर राजेश का ही है। इसके बावजूद प्रशासन राजेश को उनके घर का कब्जा नहीं दिला रहा है।
राजेश के अनुसार जिस घर पर कब्जा किया गया है, उसके लिए नौ डिसमिल जमीन उनके पिताजी राजेंद्र प्रसाद वर्णवाल ने 2008 में अशोक जैन नाम के व्यक्ति से खरीदी थी। इसके बाद 2020 में राजेश ने उस जमीन पर मकान बनाना शुरू किया। राजेश के मकान बनने के कुछ ही समय बाद उसके बगल में इमरान भी एक अस्पताल के लिए भवन बनाने लगा। उस समय दोनों परिवारों में अच्छे संबंध थे। इस कारण इमरान खान ने सामान रखने के लिए राजेश से मदद मांगी। इसके बाद राजेश ने अपने घर की चाबी इमरान को दे दी, ताकि वह भवन निर्माण की सामग्री उसमें रख सके। बस यही राजेश से सबसे बड़ी गलती हो गई।
जब इमरान को राजेश के घर की जरूरत न रही तो वे उससे चाबी मांगने लगे, लेकिन इमरान किसी न किसी बहाने टाल देता था। लेकिन राजेश लगे रहे और एक दिन चाबी ले ली। इसके बाद वे अपने घर के अंदर गए तो वहां का नजारा देखकर वे दंग रह गए। उन्होंने देखा कि इमरान ने उनके घर की चारदीवारी के पास पानी का पाइप बिछा दिया है। राजेश ने जब इसका विरोध किया तो इमरान ने कहा कि यह जमीन उसकी है। इसके बाद राजेश को एहसास हो गया कि इमरान उसके साथ बदमाशी कर रहा है।
इसके कुछ दिन बाद राजेश के घर से कुछ सामान की चोरी हो गई। माना गया कि इसके पीेछे इमरान का ही हाथ था, लेकिन उसकी इबंगई को देखते हुए राजेश चुप ही रहे। इसका फायदा इमरान ने उठाया और एक दिन उसने राजेश के घर का ताला तोड़कार उस पर कब्जा कर लिया। इसके साथ ही उसने उस घर को मनु पासवान नामक एक व्यक्ति को किराए पर दे दिया। इसके पीछे भी एक बड़ी शातिर चाल और साजिश है। अक्सर ऐसा देखा जाता है कि कोई मुसलमान किसी हिंदू के घर पर कब्जा करके उसे किसी हिंदू को ही विशेषकर अनुसूचित जाति के किसी व्यक्ति को किराए पर दे देता है। ऐसा इसलिए किया जाता है कि यदि कोई मुकदमा हो तो उसमें अनुसूचित जाति की धाराएं लग जाएं और दोनों हिंदू ही लड़ते रहें। इसलिए इमरान ने उस घर को मनु पासवान को किराए पर दे दिया।
इसके बाद राजेश ने अपने घर से कब्जा हटवाने के लिए स्थानीय विधायक से लेकर प्रशासन से भी मदद मांगी, लेकिन उनकी मदद किसी ने नहीं की। फिर राजेश ने इसकी शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय से की। प्रधानमंत्री कार्यालय के निर्देश पर चौपारण के अंचलाधिकारी ने पूरे मामले की जांच की। अंचलाधिकारी ने माना है कि इमरान खान पिता महमूद खान ने राजेश के घर का ताला जबरन तोड़ा है। इसके बाद अंचलाधिकारी ने 18 फरवरी,2022 को अनुमंडल पदाधिकारी पूनम कुजूर को पत्र लिखकर बताया कि राजेश कुमार एवं मुकेश कुमार, पिता राजेंद्र प्रसाद वर्णवाल को उस घर पर कब्जा दिलाया जाए। इसके बावजूद अब तक अनुमंडल पदाधिकारी ने इस मामले पर कोई कार्रवाई नहीं की है। इस संबंध में पूनम कुजूर से बात हुई तो उन्होंने कहा कि उन्होंने अभी तक इस मामले को देखा नहीं है।
वहीं राजेश का कहना है कि वे कई बार अनुमंडल कार्यालय गए और कब्जा दिलाने का आग्रह किया, लेकिन वहां के एक लिपिक सीताराम प्रसाद ने कहा कि कुछ पैसे दो, तभी काम होगा।
राजेश ने यह भी बताया कि इमरान खान किसी भी हिंदू को चौपारण में बसने नहीं देना चाहता है। इसलिए वह चाहता है कि राजेश औने—पौने दाम में वह मकान इमरान को बेच दे। चौपारण के ही शेखर गुप्ता ने बताया कि ताजपुर पंचायत के आसपास के क्षेत्रों में हिंदुओं को जमीन खरीदने से रोक दिया जाता है और जो हिंदू वहां पर जमीन खरीद लेते हैं उन्हें राजेश की तरह ही परेशान किया जाता है।
अब लोग सवाल उठा रहे हैं कि आखिर किसके इशारे पर प्रधानमंत्री कार्यालय के निर्देश को भी स्थानीय प्रशासन नहीं मान रहा है!
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