चिया की खेती बनी किसानों के लिए वरदान
May 15, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

चिया की खेती बनी किसानों के लिए वरदान

by WEB DESK
Mar 30, 2022, 02:28 am IST
in भारत, राजस्थान
चिया बीज की खेती से लाखों का मुनाफा

चिया बीज की खेती से लाखों का मुनाफा

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail
राजस्थान के मारवाड़ क्षेत्र में कई किसान चिया बीज की खेती से लाखों का मुनाफा कमा रहे हैं। कई कृषि विश्वविद्यालय इस संबंध में अनुसंधानरत हैं। प्रोटीन, फाइबर, ओमेगा से भरपूर होने के कारण चिया बीज को सुपर फूड माना जाता है। वैश्विक स्तर पर लगातार इसकी मांग बढ़ती जा रही 

 पवन सारस्वत मुकलावा 

प्रतिकुल जलवायु को देखते हुए राजस्थान में नई खेती और नवाचार के लिए अनुसंधान पर जोर दिया जा रहा है। इसी क्रम में राज्य में पोषक तत्वों से भरपूर सुपर फूड चिया की खेती की जा रही है। चिया की फसल की उत्पादकता, गुणवत्ता, पौष्टिकता आदि बढ़ाने पर राजस्थान के कृषि विश्वविद्यालय, जोधपुर के कृषि अनुसंधान केंद्र में शोध कार्य चल रहा है। पिछले 2 वर्षों से चिया पर चल रहे अनुसंधान में इस पौधे की ज्यामिति, बुआई का सही समय ज्ञात करने में सफलता मिली है।

तुलसी प्रजाति के चिया के पौधे की पहचान 16वीं शताब्दी में दक्षिण मैक्सिको में की गई थी। चिया मैक्सिको का सुपर फूड है। चिया की खेती राजस्थान के किसानों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो रही है। चिया सीड्स की खेती कर किसान सलाना लाखों का फायदा कमा सकते हैं। अभी राजस्थान के मारवाड़ क्षेत्र के विभिन्न जिलों में काफी बड़े रकबे में इसकी खेती हो रही है।

एक फूल वाले पौधे चिया सीड्स को मूल रूप से मध्य व दक्षिणी मैक्सिको और ग्वांटेमाला की प्रजाति का माना जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम साल्विया हिस्पानिका है। कृषि विश्वविद्यालय जोधपुर में चिया की नई किस्म पर चल रहे कार्य के सकारात्मक परिणाम सामने आने लगे हैं। इससे जालोर, जोधपुर, नागौर, बाड़मेर जिलों में प्रगतिशील किसान अनुमानत: 300 हेक्टअर क्षेत्र में इसकी खेती कर रहे हैं। वैश्विक स्तर पर इसकी मांग बनी हुई है। इसका बाजार मूल्य एक लाख रुपये प्रति सौ किलो तक है।

कैसे करें खेती
कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि इसकी खेती सभी तरह की भूमि में आसानी से की जा सकती है। हल्की-भुरभुरी मिट्टी में इसकी फसल ज्यादा अच्छी होती है। इसमें कीटनाशकों की ज्यादा आवश्यकता नहीं होती और गोबर की खाद भी इसमें काफी असरदार होती है। एक हेक्टेअर क्षेत्र के लिए करीब 2 किलो बीज की आवश्यकता होती है। अक्तूबर महीने में इसकी बुआई की जाती है। इसकी फसल तैयार होने में 90-120 दिन लगते हैं। पौधारोपण के 40-50 दिन के अंदर पौधों में फूल आ जाते हैं। तीन से चार बार सिंचाई करनी होती है। चिया की फसल से 6.8 किंवटल प्रति हेक्टेअर उपज प्राप्त की जा सकती है। एक हेक्टेअर में चिया की खेती करने में लगभग 25000 रुपये की लागत आती है। 

क्यों है सुपर फूड 
चिया के बीज भूरे, सफेद, ग्रे ओर काले रंग के और देखने में काफी छोटे होते हैं लेकिन स्वास्थ्य और पौष्टिकता से भरपूर होते हैं। इसमें उच्च गुणवत्ता का फाइबर होता है। यह शरीर में पानी की मात्रा और उसकी अंदरूनी ताकत को बनाए रखने में काफी सहायक सिद्ध होता है। इनमें प्रोटीन, फाइबर, ओमेगा- ये तीनों भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इसके अलावा कैल्शियम, आयरन, पोटैशियम, सोडियम, फास्फोरस और जिंक भी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। चिया मोटापा घटाने और कॉलेस्ट्रॉल स्तर को कम करने में कारगर सिद्ध होता है। इसके बीज में 30 से 35 प्रतिशत उच्च गुणवत्ता वाला तेल पाया जाता है जो ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फैटी एसिड का बेहतरीन स्रोत है। इसके तेल को स्वास्थ्य और ह्रदय के लिए अत्युत्तम पाया गया है। इन सभी गुणों के कारण ही इसे सुपर फूड कहा जाता है।    

नई फसल से बदली किस्मत

हीरसिंह राजपुरोहित

हीरसिंह राजपुरोहित जालौर जिले की सायला तहसील के बावतरा गांव के प्रगतिशील किसान हैं। उनके पिता के पास 10 बीघा कृषि भूमि है। वे पांच भाई हैं।  उनके पिता ने केवल हीर सिंह  को ही पढ़ने के लिए जोधपुर भेजा था। वे बताते हैं कि वहां उन्होंने इंजीनियरिंग में दाखिला लिया। उन्होंने उसी दौरान 2014-2015 में  मैक्सिको के सुपर फूड चिया एवं किनोवा की फसल के बारे में सुना। यह दोनों नई फसलें एकसाथ ही भारत आई थीं। उस समय घरवालों के पास ज्यादा पैसे भी नहीं थे। उसी समय आॅर्गेनिक इंडिया नामक कंपनी ने उनके पिता को किनोवा का बीज लगाने को दिया था। उनके पिता ने उनसे कहा कि तू शहर में रहता है, पता कर कि यह क्या काम आता  है ओर कैसे इसकी  बिक्री  की जाती है? हीर सिंह ने बताया कि ‘मैंने इसे आनलाइन देखा तो मुझे किनोवा के साथ चिया का भी पता चला। तब इसकी कीमत वेबसाइट पर 500 रुपये प्रति किलोग्राम दिख रही थी। तब मेरे मन में विचार आया क्यों ना इन्हीं दोनों फसलों को आनलाइन बेचा जाए।’

  तब हीर सिंह ने और पड़ताल की और एक लैपटॉप भी खरीद लिया और आनलाइन बिक्री के लिए एक आनलाइन वेबसाइट पर विक्रेता खाता बना लिया। इस  तरह किनोवा  बेचना  शुरू किया। कुछ मुनाफा हुआ तो उन्होंने सोचा कि क्यों न चिया भी लगाया जाए। उसी समय राजस्थान सरकार भी प्रगतिशील  किसानों  को  मिनी किट के रूप में दोनों फसलों के बीज बांटने लगी। उस समय तक  इन  दोनों फसलों के बारे में कोई  जानता भी नहीं था। हीर सिंह  बताते हैं कि  तब तक मुझे किनोवा के साथ चिया की फसल का पूरा ज्ञान हो गया था। मैंने 2015 में आर्गेनिक इंडिया कंपनी से चिया के 2 किलो बीज लिये और उन्हें एक हेक्टेअर क्षेत्र में बोया। इससे 3 से 4 क्विंटल चिया बीज पैदा हुए। उस समय इसकी खरीद करने वाला कोई बड़ा व्यापारी भी नहीं था, इसलिए मैंने इसे आनलाइन ही बेचा। मुझे चिया से सर्वप्रथम एक लाख रुपये का मुनाफा हुआ तो इस खेती की ओर रुझान बढ़ गया और किनोवा के प्रसंस्करण के लिए मशीन लगवा ली।’

  हीर सिंह बताते हैं कि 2016 में राजस्थान सरकार एवं कृषि विश्वविद्यालय जोधपुर ने उनसे सम्पर्क किया। दोनों से उन्हें काफी मदद मिली। फिर वे कृषि विश्वविद्यालय जोधपुर को चिया सीड की आपूर्ति करने लगे, साथ ही आनलाइन भी बेचते रहे। उस समय  चिया का बीज  निर्यात  करने पर सौ रुपये प्रति किलो ही मिल पाते थे।  प्रारंभ में चिया की एक ही किस्म मेक्सिकन चिया नाम से थी। इससे उस समय खेती करना और बेचना दोनों ही  मुश्किल कार्य था।  हीर सिंह 2016 के  बाद  किसानों से समझौता  करने लगे कि किसान चिया बोएं और हीर सिंह उसे खरीदेंगे। शुरुआत में उन्होंने यह समझौता केवल खानदान के सदस्यों के साथ किया। 
बाद में 2017 के आसपास हीर सिंह ने क्षेत्र के बीस अन्य किसानों को भी जोड़ा। उस समय किसानों के सामने अधिक पाले से फसल को नुकसान की बड़ी समस्या आई। तब हीर सिंह राजस्थान-गुजरात बॉर्डर, मध्यप्रदेश,मैसूर के पालामुक्त क्षेत्रों के किसानों से चिया की खेती करवाने लगे। वे  कहते हैं कि ‘अगर आज की बात करूं तो जालौर क्षेत्र में 10 हेक्टेअर क्षेत्र में चिया की खेती कर रहा हूं और15 टन उत्पादन कर रहा हूं। इसी तरह गुजरात में10 हेक्टेअर क्षेत्र में 10 टन, मध्यप्रदेश में 40 हेक्टेअर क्षेत्र में 50 टन और सबसे ज्यादा मैसूर में 400 हेक्टेअर क्षेत्र में 300 टन चिया का उत्पादन कर रहा हूं। आज मैं चिया से साल में 25 से 30 लाख रुपये कमा रहा हूं।  पूरे भारत में चिया बीज की आपूर्ति कर रहा हूं। यह यह एक सुपर फूड है ओर विभिन्न  बीमारियों में काफी उपयोगी है।  इसलिए  इसकी  मांग  बढ़ी है।’

 

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

मिर्जापुर के किसान मुन्ना लाल मिश्रा का बेटा राजकुमार लंदन में बना मेयर, गांव में खुशी की लहर

पेट में बच्चा था… पर रहम नहीं आया! : दहेज में कार ना मिलने पर बेरहम हुआ नसीम, बेगम मरियम को मार-पीटकर दिया 3 तलाक

अमृतसर में नहीं थम रहा जहरीली शराब का कहर : दिन-प्रतिदिन बढ़ रही मृतकों की संख्या, अब तक 24 की मौत

उत्तराखंड : जौनसार बावर जनजाति क्षेत्र में भी डेमोग्राफी चेंज, लोगों ने मुखर होकर जताया विरोध

‘ऑपरेशन केलर’ बना आतंकियों का काल : पुलवामा-शोपियां में 6 खूंखार आतंकी ढेर, जानिए इनकी आतंक कुंडली

सेलेबी की सुरक्षा मंजूरी रद, भारत सरकार का बड़ा एक्शन, तुर्किये को एक और झटका

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

मिर्जापुर के किसान मुन्ना लाल मिश्रा का बेटा राजकुमार लंदन में बना मेयर, गांव में खुशी की लहर

पेट में बच्चा था… पर रहम नहीं आया! : दहेज में कार ना मिलने पर बेरहम हुआ नसीम, बेगम मरियम को मार-पीटकर दिया 3 तलाक

अमृतसर में नहीं थम रहा जहरीली शराब का कहर : दिन-प्रतिदिन बढ़ रही मृतकों की संख्या, अब तक 24 की मौत

उत्तराखंड : जौनसार बावर जनजाति क्षेत्र में भी डेमोग्राफी चेंज, लोगों ने मुखर होकर जताया विरोध

‘ऑपरेशन केलर’ बना आतंकियों का काल : पुलवामा-शोपियां में 6 खूंखार आतंकी ढेर, जानिए इनकी आतंक कुंडली

सेलेबी की सुरक्षा मंजूरी रद, भारत सरकार का बड़ा एक्शन, तुर्किये को एक और झटका

आतंकी आमिर नजीर वानी

आतंकी आमिर नजीर वानी की मां ने कहा था सरेंडर कर दो, लेकिन वह नहीं माना, Video Viral

Donald trump want to promote Christian nationalism

आखिरकार डोनाल्ड ट्रंप ने माना- ‘नहीं कराई भारत-पाक के बीच मध्यस्थता’

प्रतीकात्मक चित्र

पाकिस्तान फिर बेनकाब, न्यूक्लियर संयंत्र से रेडियेशन का दावा झूठा, अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने दी रिपोर्ट

Boycott Turkey : जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने तोड़े तुर्किये से संबंध, JNU सहित ये संस्थान पहले ही तोड़ा चुकें हैं नाता

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies