उत्तराखंड विधानसभा सत्र कल से शुरू हो रहा है और इसमें समान नागरिक संहिता का मुद्दा गर्मा सकता है। कांग्रेस विधायक व निवर्तमान नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि इस बिल को लाने से सामाजिक सौहार्द बिगड़ सकता है। उत्तराखंड सरकार ने शपथ लेते ही अपनी पहली घोषणा यही की थी कि राज्य में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने के लिए वह संविधान विशेषज्ञों की एक समिति बनाएगी।
उत्तराखंड में कांग्रेस एक बार फिर मुस्लिम तुष्टिकरण की नीति पर चर्चा करने लगी है। प्रीतम सिंह ने विधानसभा सत्र से पहले ये बयान दिया है कि बीजेपी समान नागरिक संहिता के लिए जो कोशिशें कर रही है उससे साम्प्रदायिक सौहार्द खराब हो सकता है। अल्पसंख्यक समुदाय को अपने धार्मिक मान्यताओं से चलने देना चाहिए। प्रीतम सिंह के बयानों से साफ जाहिर होता है कि विधानसभा सत्र में कांग्रेस, राज्य सरकार के द्वारा घोषित यूनिफॉर्म सिविल कोड का विरोध करेगी। जबकि राज्य सरकार को अनुपूरक बजट को सत्र में रखना है, साथ ही समान नागरिक संहिता के लिए समिति बनाये जाने के प्रस्ताव को सदन के पटल पर रख सकती है।
बीजेपी के प्रदेश महामंत्री सुरेश भट्ट ने कहा है कि कांग्रेस ने हमेशा मुस्लिम और ईसाई समुदाय को ही खुश रखने की राजनीति की है। जब गोआ में सभी सम्प्रदाय के लोग एक समान नागरिक संहिता से रह रहे हैं और वो सामाजिक तरक्की भी कर रहे हैं तो यहां क्यों नहीं रह सकते। चुनाव में करारी हार के बावजूद कांग्रेस नेता मुस्लिम यूनिवर्सिटी की स्थापना को लेकर मुखर हो रहे हैं, सहसपुर के मुस्लिम नेता यह कहते है कि मैं खुद निजी मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनाऊंगा तो ऐसे में कांग्रेस की मानसिकता को समझ लेना चाहिए।
टिप्पणियाँ