पश्चिम बंगाल स्थित बीरभूम के रामपुरहाट में हुए नरसंहार मामले की जांच सीबीआई कर रही है। इस दौरान एजेंसी को कई अहम जानकारियां हाथ लगी हैं। अधिकारी इलाके के पुलिस अधिकारियों के कॉल रिकार्ड खंगाल कर रहे हैं। इस दौरान तकनीकी टीम की मदद ली जा रही है और पता किया जा रहा है कि जिले के आला पुलिस अधिकारियों की क्या भूमिका थी ? घटना की रात पुलिस कर्मियों की क्या लोकेशन थी ?
गौरतलब है कि कलकत्ता हाई कोर्ट ने पहले ही सीबीआई को निर्देश दे दिया है कि वह किसी से भी पूछताछ कर सकती है। ऐसे में पीड़ितों से बातचीत के बाद सीबीआई को कई तथ्य पुलिस के आला अधिकारियों के खिलाफ भी मिल रहे हैं। ऐसे में बीरभूम जिले के पुलिस अधीक्षक (एसपी) नागेंद्रनाथ त्रिपाठी और कई अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी अब सीबीआई की जांच के घेरे में हैं। एजेंसी यह पता लगाने में जुटी है कि इलाके के पुलिस अधिकारियों ने किस कारण से अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई, इसकी भी जांच की जा रही है। खबरों के अनुसार यह साफ है कि हिंसा की रोकथाम में पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने अपनी ड्यूटी निभाने में कोताही बरती है।
निलंबित पुलिस कर्मियों से हो सकती है पूछताछ
खबरों के अनुसार रामपुरहाट थाने के तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक त्रिदीप प्रमाणिक और रामपुरहाट के तत्कालीन एसडीपीओ सायन अहमद से अलग-अलग पूछताछ की जा सकती है, जो वर्तमान में हटाये गये हैं और अनिवार्य प्रतीक्षा में हैं। जरूरत पड़ने पर सीबीआई के खुफिया अधिकारी बीरभूम जिले के पुलिस अधीक्षक, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक और डीएसपी से भी पूछताछ कर सकते हैं।
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