उत्तराखंड के पहाड़ों पर भी गर्मी बढ़ने लगी है। बढ़ते तापमान की वजह से चीड़ की जंगलों में आग लगने की घटनाएं भी शुरू हो गयी हैं। मौसम विभाग ने बढ़ते पारे से हिमस्खलन की घटनाएं होने की चेतावनी भी जारी की है। मौसम विभाग ने 27 से 29 मार्च के बीच गर्मी बढ़ने की चेतावनी दी है। विभाग का यह भी कहना है कि बढ़ते तापमान से हिमालय क्षेत्र में हिमस्खलन बढ़ने का खतरा हो सकता है। ग्लेशियरों के टूटने की घटनाएं बढ़ने की चेतावनी जारी की गई है। हिमालय क्षेत्र की तरफ जाने वालों को अपने साथ फावड़ा, प्रोब, रस्सी आदि साथ रखने को कहा गया है।
वन विभाग ने भी पहाड़ों में बढ़ते तापमान की वजह से वनाग्नि की संभावनाओं को देखते हुए सभी विभागीय अधिकारियों को सचेत किया है। अगले डेढ़ महीने के लिए वन कर्मियों के अवकाश को रद्द किया गया है। वन विभाग के साथ मुख्य सचिव ने बैठक कर हालात का जायजा लिया जा चुका है। वन विभाग ने चीड़ के सूखे पत्तों को एकत्र कर उन्हें जलाने की प्रक्रिया को शुरू कर दिया है। वन कर्मियों को वन में पेड़ों की आग को बुझाने के लिए ग्रामवासियों, फायर विभाग, एसडीआरएफ और अन्य विभागों के साथ तालमेल बनाये रखने को कहा गया है। खास तौर पर जंगल से लगे गांवों को विशेष सावधानी बरतने को कहा है।
पहाडों में एकाएक गर्मी बढ़ने से जल स्रोत भी सूखने लगे हैं। पहाड़ों पर तेज़ गर्म हवाएं चल रही हैं जो कि आग को फैला सकती हैं। मार्च माह में वनाग्नि की 54 घटनाएं दर्ज हुई हैं, जिसमे 64 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है। वनाग्नि से न सिर्फ जंगल जलते हैं, बल्कि साथ ही साथ वन्य जीव-जंतु, जड़ी-बूटियां भी नष्ट होती हैं।
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