केंद्रीय एजेंसी के अधिवक्ता ने बताया है कि जांच टीम घटनास्थल के लिए रवाना हो गई है। अब तक इस मामले की जांच कर रही राज्य सरकार की विशेष जांच दल (एसआईटी) से भी मामले से संबंधित दस्तावेज लिए जाएंगे।
दरअसल, उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति राजश्री भारद्वाज की खंडपीठ ने बीरभूम नरसंहार की घटना की सीबीआई से जांच कराने का आदेश देते हुए कहा है कि सीबीआई को यह विशेषाधिकार होगा कि अगर कोई संदिग्ध है और घटना से उसके जुड़े होने की संभावना दिख रही है तो उसे तत्काल गिरफ्तार कर सकेगी। मुख्य न्यायाधीश श्रीवास्तव ने कहा, 'हमने घटना का विस्तार से अवलोकन किया है। स्थिति को देखते हुए न्यायालय को लगता है कि मामले को सीबीआई को सौंपने की जरूरत है। इसी जरूरत को ध्यान में रखते हुए न्यायालय मामले को सीबीआई को सौंपना चाहती है।” इसके साथ ही न्यायालय ने निर्देश दिया कि सीबीआई राज्य को हरसंभव सहयोग करे। अदालत ने यह भी कहा कि राज्य की एसआईटी इस मामले में कोई जांच नहीं कर सकती है। अदालत ने निर्देश दिया कि सीबीआई केवल केस पेपर बनाने तक ही सीमित नहीं रहेगी। आरोपितों की पहचान कर उन्हें जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए। जांच को लेकर प्रारंभिक रिपोर्ट सीबीआई को अगली सुनवाई में न्यायालय में पेश करनी है। इस मामले की अगली सुनवाई 7 अप्रैल को होगी है।
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