पश्चिम बंगाल स्थित बीरभूम हिंसा पर कलकत्ता हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला लिया है। न्यायालय ने आदेश जारी कर कहा है कि मामले की जांच सीबीआई करेगी मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति राजश्री भारद्वाज की खंडपीठ ने शुक्रवार सुबह 10:30 बजे कोर्ट की सुनवाई शुरू होने के साथ ही इस मामले में फैसला सुनाया। न्यायाधीशों ने कहा कि सीबीआई तत्काल इस जघन्य हत्याकांड की जांच शुरू करे। दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करना होगा। राज्य सरकार को विशेष तौर पर आदेश देते हुए खंडपीठ ने कहा कि केंद्रीय एजेंसी को जांच में हर तरह से सहयोग करना होगा।
उल्लेखनीय है कि 21 मार्च की रात बगटुई गांव में तृणमूल कांग्रेस के उपप्रधान भादू शेख की हत्या के बाद कथित तौर पर बदला लेने के लिए उनके समर्थकों ने गांव के 10 से 12 घरों में आग लगा दी थी। जिसमें दो बच्चों और तीन महिलाओं समेत आठ लोग जिंदा जला दिया गया था।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि इन्हें जिंदा जलाने से पहले मारा-पीटा गया था। सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस के ही रामपुरहाट ब्लाक अध्यक्ष अनारूल हुसैन पर आगजनी करने वालों का नेतृत्व करने के आरोप लगे जिसकी गिरफ्तारी हो चुकी है।
मामले का संज्ञान हाईकोर्ट की खंडपीठ ने लिया था और दो अलग-अलग याचिकाएं भी लगी थीं जिनकी सुनवाई बुधवार और गुरुवार को लगातार दो दिन हुई थी। गुरुवार को सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर लिया था जो शुक्रवार सुबह सुनाया गया है।
शासन पर धब्बा है ये घटना: राज्यपाल जगदीप धनखड़
बीरभूम की घटना पर राज्य के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने घटना को शर्मनाक बताया बल्कि शासन पर एक धब्बा करार दिया। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में लोगों को इस तरह से जिंदा जलाना बहुत दर्दनाक होता है। मैं सरकार से रक्षा की पेशकश करने के बजाए सबक सीखने की अपील करता हूं।
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