पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। बीरभूम की घटना के बाद फिर से नादिया में TMC के नेता की जहां गोली मारकर हत्या कर दी गई तो वहीं हुगली स्थित तारकेश्वर में तृणमूल की महिला पार्षद को कार से कुचलने का प्रयास किया गया।
कलकत्ता हाईकोर्ट ने दिए निर्देश
बीरभूम में 8 लोगों को जिंदा जलाए जाने की घटना पर कलकत्ता हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया। कोर्ट ने केस डायरी और अब तक की जांच रिपोर्ट जमा करने के निर्देश दिए। हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि, सच सभी के सामने जरूर आना चाहिए। साथ ही राज्य सरकार को भी निर्देश दिए गए हैं कि वह गवाहों को सुरक्षा मुहैया कराए। इसके अलावा जहां इस हिंसा को अंजाम दिया गया, वहां किसी भी चीज से छेड़छाड़ नहीं करने के निर्देश भी जारी किए गए हैं। हाईकोर्ट ने कहा कि, इसके लिए उस जगह पर कैमरे लगाए जाएं।
कलकत्ता HC जारी करेगा आदेश
कलकत्ता हाई कोर्ट आज रामपुरहाट पर आदेश सुनाएगा। केंद्रीय एजेंसी से जांच की मांग को लेकर एक जनहित याचिका दायर की गई थी। फिलहाल एसआईटी मामले की जांच कर रही है। पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में टीएमसी नेता की हत्या के बाद भड़की हिंसा में दो बच्चों और तीन महिलाओं समेत आठ लोगों की जान चली गई। वहीं फोरेंसिक विशेषज्ञों की रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि जिंदा जलाए गए आठ लोगों को नरसंहार से पहले बुरी तरह पीटा गया था।
शासन पर धब्बा है ये घटना: राज्यपाल जगदीप धनखड़
बीरभूम की घटना पर राज्य के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने घटना को शर्मनाक बताया बल्कि शासन पर एक धब्बा करार दिया। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में लोगों को इस तरह से जिंदा जलाना बहुत दर्दनाक होता है। मैं सरकार से रक्षा की पेशकश करने के बजाए सबक सीखने की अपील करता हूं।
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