बिहार विधानसभा के शताब्दी वर्ष में भाजपा को अब तक का सबसे बड़ा पुरस्कार मिला है। बिहार विधानसभा के इतिहास में पहली बार भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनी है। 23 मार्च को विकासशील इंसान पार्टी यानी वीआईपी के तीनों विधायक भाजपा में शामिल हो गए। अब भाजपा के 77 विधायक हो गए। अभी तक भाजपा दूसरे नंबर पर थी। पहले स्थान पर राजद था। 2020 के चुनाव में राजद के 75 विधायक निर्वाचित हुए थे, जबकि भाजपा के 74 ।
बत दें कि भाजपा ने अपने कोटे से वीआईपी के उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने का अवसर दिया था। उसके चार विधायक जीते थे, जबकि मुकेश सहनी चुनाव हार गए थे। सहनी को बाद में विधान परिषद के उप चुनाव के जरिए सदन में लाया गया और मंत्री बनाया गया। उनके चार विधायकों में से एक मुसाफिर पासवान का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया है। बचे तीन विधायक अब भाजपा में शामिल हो गए।
उल्लेखनीय है कि कुछ समय से मुकेश सहनी भाजपा पर हमलावर थे। उत्तर प्रदेश के चुनाव के बाद यह मनमुटाव और बढ़ गया था। इस कारण भाजपा ने बोचहां सीट के लिए हो रहे उपचुनाव में अपना उम्मीदवार उतार दिया है। वहीं मुकेश का कहना था कि बोचहां से उनकी पार्टी का विधायक था। इसलिए वहां से उनका ही उम्मीदवार चुनाव लड़ेगा, लेकिन भाजपा ने नहीं माना। भाजपा का कहना है कि इस स्थिति के लिए मुकेश ही जिम्मेदार हैं। वे भाजपा पर हमला भी करें और उससे सहयोग की अपेक्षा भी, ऐसा कैसे हो सकता है!
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