तालिबान ने अपने विरुद्ध खबरें देने वाले तीन पत्रकार किए रिहा, अंतरराष्ट्रीय दबाव के आगे झुके लड़ाके
May 13, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम विश्व

तालिबान ने अपने विरुद्ध खबरें देने वाले तीन पत्रकार किए रिहा, अंतरराष्ट्रीय दबाव के आगे झुके लड़ाके

by WEB DESK
Mar 22, 2022, 09:37 pm IST
in विश्व, दिल्ली
Representational Image

Representational Image

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail
तालिबान ने इन पत्रकारों को पकड़ा था, क्योंकि वे लड़ाकों की असलियत बता रहे थे। लेकिन अब वे रिहा कर दिए गए हैं। इसके पीछे वजह विदेशी दबाव बताया जा रहा है 

अफगानिस्तान में तालिबान अपने लिए विदेशों से समर्थन पाने को हाथपैर मार रहा है। इससे न सिर्फ उसके लिए विदेशी पैसे मिलने का रास्ता खुलेगा, बल्कि वह 'सभ्य समाज' की सोहबत पा​कर अपनी जिहादी सूरत पर 'सभ्य होने का मुलम्मा' भी चढ़ा सकेगा। इसी लालच में उसने कल अपनी कट्टर सोच से अलग हटते हुए, ऐसे तीन पत्रकारों को जेल से रिहा कर दिया जिन्हें तालिबान ने इसलिए पकड़ा था क्योंकि वे लड़ाकों की असलियत बता रहे थे। लेकिन अब वे रिहा कर दिए गए हैं। इसके पीछे वजह विदेशी दबाव बताया जा रहा है। उन्हें रिहा करते हुए तालिबान ने यह भी साथ जोड़ा है कि वे इस्लामी मूल्यों को कुचलने की इजाजत नहीं देने वाले है। 

टोलो न्यूज अफगानिस्तान का सबसे बड़ा स्वतंत्र समाचार चैनल है। तालिबान ने कुर्सी संभालने के बाद इसके सभी कर्मचारियों को तालिबान सरकार द्वारा टेलीविजन पर विदेशी सीरियलों, नाटकों आदि प्रतिबंध लगाने के विरुद्ध आवाज उठाने पर गिरफ्तार किया गया था। इन गिरफ्तारियों की संयुक्त राष्ट्र तथा प्रेस स्वतंत्रता जैसे संगठनों ने तीखे शब्दों में निंदा की थी। उन्होंने तालिबान सरकार से मांग की थी कि इन्हें रिहा किया जाए। 

चैनल के निदेशक खपलवाक सपई, कानूनी सलाहकार नफाय खलीक और न्यूजएंकर बहराम अमन को हाल ही में नेटवर्क के स्टूडियो से गिरफ्तार किया गया था। सपई ने मीडिया को बताया कि उन्हें तथा खलीक को हिरासत में लेने के तुरंत बाद छोड़ दिया गया था, लेकिन अमन को पूरी रात हिरासत में रखने के बाद अगले दिन छोड़ा गया था।

 

रिहा होने के बाद अमन ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा है कि वे हमेशा लोगों की आवाज उठाते रहेंगे। तालिबान की गुप्चर एजेंसियों ने अमन की रिहाई के बाद बयान जारी किया है। उसने कहा है कि वे किसी को भी देश के इस्लामी तथा राष्ट्रीय मूल्यों को कुचलने की इजाजत नहीं देंगे। इसी पर नजर रखने के लिए तालिबान ने अलग विभाग बनाया है। उसी के कायदों पर चलते हुए इन पत्रकारों को हिरासत में लिया गया था। 

 

रिहा होने के बाद अमन ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा है कि वे हमेशा लोगों की आवाज उठाते रहेंगे। तालिबान की गुप्चर एजेंसियों ने अमन की रिहाई के बाद बयान जारी किया है। उसने कहा है कि वे किसी को भी देश के इस्लामी तथा राष्ट्रीय मूल्यों को कुचलने की इजाजत नहीं देंगे। इसी पर नजर रखने के लिए तालिबान ने अलग विभाग बनाया है। उसी के कायदों पर चलते हुए इन पत्रकारों को हिरासत में लिया गया था। 

माना जा रहा था कि इस बार तालिबान ने मीडिया के प्रति रुख कुछ नरम रहेगा। लेकिन सत्ता में आते ही उसने 'गैर-इस्लामी विषयों' वाले सीरियलों के प्रसारण पर रोक लगाने का नियम लागू ही नहीं किया, बल्कि इसे पूरी कड़ाई से लागू किया गया।

'रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स' और 'अफगान इंडिपेंडेंट जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन' ने अपनी 2021 की रिपोर्ट में दर्ज किया था कि तालिबान की सत्ता वापसी के बाद के महीनों में अफगानिस्तान के 543 मीडिया संस्थानों में से 231 बंद कर दिए गए थे। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि उस समय में 6,400 से अधिक पत्रकारों को अपनी नौकरी खोनी पड़ी थी। 

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Indian Army Operation in Shopian

शोपियां में सेना की बड़ी कार्रवाई: ऑपरेशन सिंदूर के बाद लश्कर-ए-तैयबा के तीन आतंकी ढेर, मुठभेड़ जारी

पाकिस्तानी फौजी कमांडर जनरल असीम मुनीर

Operation Sindoor: जब भारत के हवाई हमलों से घबराकर जिन्ना के देश का फौजी कमांडर जा दुबका था बंकर में

बीएलए ने बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना पर हमले तेज़ कर दिए हैं। बलूच लोगों ने पाकिस्तानी झंडे की जगह अपने झंडे फहरा दिए हैं। (सोशल मीडिया/बीएलए)

ऑपरेशन सिंदूर : खंड-खंड पाकिस्तान!

PM Modi Adampur airbase visit

ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद पंजाब के आदमपुर एयरबेस पहुंचे पीएम मोदी, जवानों को सराहा

Punjab Khalistan police

खालिस्तानी आतंकियों को हथियार उपलब्ध करवाने वाला आतंकवादी हैरी गिरफ्तार

Donald trump want to promote Christian nationalism

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को कतर से मिल रहा 3300 करोड़ का गिफ्ट, फिर अमेरिका में क्यों मचा है हड़कंप?

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

Indian Army Operation in Shopian

शोपियां में सेना की बड़ी कार्रवाई: ऑपरेशन सिंदूर के बाद लश्कर-ए-तैयबा के तीन आतंकी ढेर, मुठभेड़ जारी

पाकिस्तानी फौजी कमांडर जनरल असीम मुनीर

Operation Sindoor: जब भारत के हवाई हमलों से घबराकर जिन्ना के देश का फौजी कमांडर जा दुबका था बंकर में

बीएलए ने बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना पर हमले तेज़ कर दिए हैं। बलूच लोगों ने पाकिस्तानी झंडे की जगह अपने झंडे फहरा दिए हैं। (सोशल मीडिया/बीएलए)

ऑपरेशन सिंदूर : खंड-खंड पाकिस्तान!

PM Modi Adampur airbase visit

ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद पंजाब के आदमपुर एयरबेस पहुंचे पीएम मोदी, जवानों को सराहा

Punjab Khalistan police

खालिस्तानी आतंकियों को हथियार उपलब्ध करवाने वाला आतंकवादी हैरी गिरफ्तार

Donald trump want to promote Christian nationalism

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को कतर से मिल रहा 3300 करोड़ का गिफ्ट, फिर अमेरिका में क्यों मचा है हड़कंप?

CM Dhami Dol Ashram

मुख्यमंत्री धामी ने डोल आश्रम में श्री पीठम स्थापना महोत्सव में लिया हिस्सा, 1100 कन्याओं का किया पूजन

awami league ban in Bangladesh

बांग्लादेश में शेख हसीना की अवामी लीग की गतिविधियां प्रतिबंधित: क्या इस्लामिक शासन की औपचारिक शुरुआत?

Posters in Pulvama for Pahalgam terrorist

पहलगाम आतंकी हमला: हमलावरों की सूचना देने पर 20 लाख रुपये का इनाम, पुलवामा में लगे पोस्टर

जैसलमेर में मार गिराया गया पाकिस्तानी ड्रोन

ऑपरेशन सिंदूर : थार का प्रबल प्रतिकार

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies