बिहार में कैंसर की रोकथाम के लिए विश्वस्तरीय ढांचागत सुविधाओं का विकास चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा। यह जानकारी बिहार विधानसभा में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने दी। उन्होंने कहा कि सभी चिकित्सा महाविद्यालयों में 10 बिस्तर कैंसर मरीजों के लिए विशेष रूप से तैयार किए जाएंगे। 17 मार्च को एक ध्यानाकर्षण सूचना का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि कैंसर की रोकथाम के लिए एवं कैंसर मरीजों के उपचार के लिए सरकार कृतसंकल्प है। राज्य के कैंसर प्रभावित 14 जिलों में 4 फरवरी से विशेष शिविर लगाकर कैंसर की जांच की जा रही है। राज्य में महिलाओं में ज्यादातर जननांग और स्तन का कैंसर पाया गया है। वहीं पुरुषों में मुंह का कैंसर पाया गया है। वे सहरसा जिले के सत्तर कटैया प्रखंड में कैंसर रोगियों की बढ़ती संख्या पर पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे।
उल्लेखनीय है कि सत्तर कटैया प्रखंड के सत्तर कटैया, बिजलपुर, पटोरी, बिहरा, रकिया एवं अन्य पंचायतों में दो—तीन वर्ष के भीतर लगभग 700 लोग कैंसर से मरे हैं और इतने ही लोग गंभीर रूप से पीड़ित हैं। इसमें अधिकांश मजदूर वर्ग के लोग हैं। श्री पांडेय ने कहा कि अप्रैल, 2022 में सत्तर कटैया प्रखंड के प्रत्येक पंचायत में कैंसर की जांच की जाएगी। बिहार के कई स्थानों पर कैंसर रोग की जांच एवं उसके इलाज की विशेष व्यवस्था है, लेकिन लोगों को इसकी जानकारी नहीं है। अतः वे समय पर जांच नहीं करा पाते हैं। सरकार कैंसर रोग के प्रति लोगों को जागरूक करने का भी काम करेगी। जागरूकता, जांच और उचित इलाज के लिए सरकार सतत प्रयास कर रही है। यह भी बता दें कि राज्य मेंं कैंसर के बढ़ते मामलों को देखते हुए पटना, एम्स और टाटा मेमोरियल अस्पताल द्वारा भी समय-समय पर यहां जांच करवाई जा रही है।
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